कुंडली के इस घर में पाप ग्रहों की मौजूदगी बन सकती है शादी में देरी का कारण, करें ये उपाय

व्यक्ति की कुंडली के सातवें घर में स्थित ग्रहों की स्थिति से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति के विवाह में देरी होगी या फिर बिना किसी बाधा के उसका विवाह संपन्न हो जाएगा.

शादी में देरी (Photo Credit: Pixabay)

 

 

कई बार योग्य होने के बावजूद युवक और युवतियों के विवाह में कई तरह की बाधाएं आती हैं. किसी का विवाह देर से होता है तो किसी का विवाह ही नहीं होता और अगर विवाह हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन में कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के मार्ग में आने वाली इन परेशानियों का यह मतलब है कि आपकी कुंडली में कोई न कोई दोष है. दरअसल, महिलाओं के लिए बृहस्पति ग्रह को विवाह का कारक माना जाता है, जबकि पुरुषों में शुक्र ग्रह को विवाह का कारक माना जाता है. इसके अलावा व्यक्ति की कुंडली के सातवें घर में स्थित ग्रहों की स्थिति से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति के विवाह में देरी होगी या फिर बिना किसी बाधा के उसका विवाह संपन्न हो जाएगा.

दरअसल, जातक की कुंडली का सातवां घर विवाह, प्रेम और गुप्त व्यापार के लिए जाना जाता है. इस घर में किसी पाप ग्रह की उपस्थिति या उनकी दृष्टि पड़ने पर विवाह में कई तरह की परेशानियां आती हैं.

1- सूर्य

नवग्रहों के राजा सूर्य की दृष्टि अगर कुंडली में सातवें घर पर पड़े या फिर उस घर में सूर्य की उपस्थिति होने पर जातक के विवाह में दिक्कत आती है. ऐसे में विवाह के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए जातक को ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का 7 हजार बार जप करें. यह भी पढ़ें: ये 7 संकेत बताते हैं कि आप जल्द ही होने वाले हैं मालामाल

2- चंद्र

जातक की कुंडली के सातवें घर में चंद्र ग्रह की उपस्थिति या उस घर पर उनकी दृष्टि भी विवाह में देरी का कारण बन सकती है. ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए जातक को 11 हजार बार ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम: मंत्र का जप करना चाहिए.

3- मंगल

किसी युवक या युवती की कुंडली के सातवें घर पर मंगल की नजर हो या फिर उस घर में उनकी उपस्थिति विवाह में विलंब और परेशानी की वजह बन सकती है. विवाह में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का 10 हजार बार जप करें.

4- बुध

अगर आपकी कुंडली के सातवें घर में बुध स्थित है या फिर इस घर की तरफ देख रहे हैं तो विवाह में अड़चने आ सकती हैं. लेकिन ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का 9 हजार बार जप करके इससे संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है.

5- बृहस्पति

अगर किसी जातक की कुंडली के सातवें घर में बृहस्पति यानी गुरू मौजूद हों या फिर उस घर पर उनकी दृष्टि हो तो ऐसी स्थिति में ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरूवे नम: मंत्र का 16 हजार बार जप करें. इस उपाय से विवाह बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाएगा. यह भी पढ़ें:  सुख-शांति और धन पाने के लिए सोमवार को जरुर करें ये काम

6- शुक्र

अगर आपकी कुंडली के सातवें घर में शुक्र ग्रह उपस्थित है या फिर इस घर पर उनकी नजर है तो जातक को 16 हजार बार ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जप करना चाहिए. इससे विवाह में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.

7- शनि

जातक की कुंडली के सातवें घर में शनि की उपस्थिति विवाह में देरी या बाधा का कारण बन सकती है. शनि की उपस्थिति या सातवें घर पर उनकी दृष्टि होने पर ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का 23 हजार बार जप करें, ताकि आपके विवाह में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो सकें.

8- राहु

कुंडली के सातवें घर में पाप ग्रह राहु की उपस्थिति या उनकी दृष्टि से विवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है. विवाह संबंधी समस्याओं का अंत करने के लिए जातक को ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: मंत्र का 18 हजार बार जप करना चाहिए.

9- केतु

अगर आपकी कुंडली में केतु सातवें घर में हो या फिर उसकी तरफ देख रहा हो तो 17 हजार बार ऊँ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम: मंत्र का जप करें. ऐसा करने से आपके विवाह में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.

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