लंकापति रावण (Ravana) अहंकारी था, लेकिन यह भी सच है कि उससे बड़ा महाज्ञानी भी दूसरा कोई नहीं था. रामायण (Ramayan) की प्रचलित कथाओं के अनुसार, रावण बहुत ही पराक्रमी योद्धा था और उसने अपने जीवन में अनेक युद्ध किए, जिनमें से कई में उसने अपने बल पर ही विजय प्राप्त की थी. महाज्ञानी और पराक्रमी योद्धा होने के बावजूद मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम (Lord Rama) के हाथों उसका अंत हुआ. धर्म ग्रंथों के अनुसार, रावण के जीवन काल में उसे 5 लोगों ने श्राप (Curses) दिया था, जिसके कारण उसका सर्वनाश हुआ.
चलिए जानते हैं किस व्यक्ति ने रावण को कौन सा श्राप दिया था, जिसके कारण भगवान राम के हाथों रावण का वध हुआ और उसके वंश का नाश हो गया.
1- नंदी महाराज
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने के लिए कैलाश पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात नंदी महाराज से हुई. रावण ने नंदी को देखकर उन्हें बंदर के समान मुखवाला कहकर उनके स्वरूप का मजाक उड़ाया. जिसके बाद नाराज होकर नंदी महाराज ने रावण को श्राप दिया कि बंदरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा.
2- राजा अनरण्य
भगवान राम के जन्म से पहले रघुवंश में एक परम प्रतापी राजा हुए थे, जिनका नाम अनरण्य था. कहा जाता है कि एक बार रावण और राजा अनरण्य के बीच भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें अनरण्य की मृत्यु हो गई. हालांकि मृत्यु से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि उनके वंश में जन्म लेने वाले एक युवक के हाथों ही उसकी मृत्यु होगी.
3- मंदोदरी की बड़ी बहन माया
रावण की पत्नी मंदोदरी की बड़ी बहन माया ने रावण को श्राप दिया था कि स्त्री की वासना के कारण ही उसका अंत होगा. दरअसल, रावण ने माया के साथ छल किया था और तब उन्होंने रावण को श्राप देते हुए कहा था कि तुमने वासनायुक्त मेरा सतीत्व भंग करने का प्रयास किया, इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई, अब तुम्हारे अंत का भी यही कारण बनेगा.
4- रावण की बहन शूर्पणखा
कहा जाता है कि जब रावण विश्वयुद्ध पर निकला तो कालकेय नाम के राजा से उसका युद्ध हुआ और रावण की बहन शूर्पणखा का पति विद्युतजिव्ह उस राजा का सेनापति था, लेकिन युद्ध के दौरान रावण ने अपनी बहन के पति विद्युतजिव्ह का वध कर दिया, जिसके बाद शूर्पणखा ने मन ही मन रावण को श्राप दिया कि उसी के कारण रावण का सर्वनाश होगा. यह भी पढ़ें: मंगलवार विशेष: शिव-पार्वती ने किया था रावण की लंका का दहन! कारण जानकर हैरान रह जाएंगे
5- अप्सरा रंभा
एक बार स्वर्ग लोक में रावण की नजर रंभा नाम की अप्सरा पर पड़ी और उसने अपनी वासना को पूरी करने के लिए रंभा को पकड़ लिया. तब रंभा ने कहा कि वो उसके भाई कुबेर के बेटे नलकुबरे के लिए आरक्षित है, इस लिहाज से वो रावण की पुत्रवधु हुई, लेकिन यह सुनकर भी रावण नहीं रुका और उसके साथ दुराचार किया. इसके बाद उसे श्राप मिला कि वो जब भी वो किसी स्त्री की इच्छा के बिना उसे छूने की कोशिश करेगा, उसके मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएंगे.
इतना ही नहीं कहा जाता है कि एक बार जब रावण पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था, तभी उसकी नजर एक सुंदर स्त्री पर पड़ी, जो भगवान विष्णु की तपस्या में लीन थी. रावण ने उसकी तपस्या भंग करते हुए उसके बाल पकड़ लिए और उसे साथ चलने के लिए कहा. इतने पर उस स्त्री ने अपने प्राण त्यागते हुए रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगी.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.