कुंभ मेला 2019: इंजीनियर से लेकर मैनेजमेंट ग्रेजुएट तक, करीब 10 हजार लोगों ने ली नागा साधु बनने की दीक्षा

नागा बनने वाले लोगों में हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन लोगों में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग (Engineering) और मैनेजमेंट (Management) के ग्रेजुएट (Graduates) लोग भी शामिल हैं.

नागा बाबा (फाइल फोटो )

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में इस वक्त जोरों शोरों से कुंभ मेला (Kumbh Mela) चल रहा है. इस मेले में शामिल होने के लिए देश- विदेश में लोग पहुंच रहे हैं. इस पावन संगम पर पिछले सप्ताह एक दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया था. जिस आयोजन में हजारों युवाओं ने अपने बाल त्यागे और अपना खुद का पिंड दान किया. रातभर चली अग्नि पूजा के बाद ये सभी प्राचीन परंपरा के अनुसार नागा साधु (Naga Sadhus) बनने को लेकर दीक्षा ली. नागा बनने वाले लोगों में हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन लोगों में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग (Engineering) और मैनेजमेंट (Management) के ग्रेजुएट (Graduates) लोग भी शामिल हैं.

नागा साधु की दीक्षा लेने आये 27 साल के रजत कुमार राय ने अपने बारे में बताया कि उन्होंने कच्छ से मरीन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया है. जिसके बदले में उन्हें अच्छी खासी सैलरी मिलती है. लेकिन उन्होंने फैसला किया है कि वे संसार का मोह माया त्याग कर नागा साधु बनना उनके लिए बेहतर है. वहीं एक दूसरे युवा जिनका नाम शंभु गिरी है जिन्होंने नागा बनने के लिए दीक्षा ली. उन्होंने अपने बारे में बताया कि वे यूक्रेन से मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं. लेकिन उन्होंने प्रयागराज आकर साधु नागा बनाने की दीक्षा ली है. अब वे दुनिया के मोह माया से दूर रहना चाहते हैं. वहीं एक 18 वर्षीय घनश्याम गिरी जो उज्जैन से 12वीं बोर्ड के टॉपर हैं. उन्होंने देश के मोह माया त्याग कर नागा साधु बने हैं. यह भी पढ़े: Kumbh Mela 2019 का हुआ आगाज, साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने किया पहला शाही स्नान

दीक्षा लेने के बाद सभी ने लगाई शाही डुबकी

इन सभी लोगों ने नागा बनने की दीक्षा लेने के बाद सोमवार को मौनी अमावस्या के मौके पर शाही डुबकी लगाई. संतों, महामंडलेश्वरों के साथ ही नए बने नागा संन्यासियों में डुबकी लगाने को लेकर सबसे ज्यादा आतुरता रही.

पूरी रात ओम नम: शिवाय मंत्र का किया जाप

ये सभी नागा शाही डुबकी लगाने के बाद धूना के सामने बैठकर पूरी रात ओम नम:शिवाय का मंत्र जप करते हुए पवित्र भभूत तैयार की. साथ ही गुरुमंत्र का जप भी किया. खबरों की माने तो इस कड़े जीवन को जीने के लिए करीब 10 हजार पुरुषों और महिलाओं ने दीक्षा ली है. बता दें कि ये सभी लोग अखिल भारतीय अखाड़ा परीषद (एबीएपी) के अंतर्गत नागा साधु बने. ये परिषद भारत में हिंदू संतों एवं साधुओं का सर्वोच्च संगठन है.

 

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