शनि-दोष को शांत करने के लिए इन उपायों को अमल में लाएं, जीवन बनेगा खुशहाल

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में भले ही शनि ग्रह को निष्ठुर देव बताया गया हो, लेकिन अधिकांश ज्योतिषियों का मानना है कि शनि शत्रु नहीं मित्र हैं. शनि बहुत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं. कुछ ज्योतिषियों के अनुसार शनि कलियुग के न्यायाधीश हैं, वे मानव को उसके कर्मानुसार सजा अथवा फल प्रदान करते हैं.

शनि जयंती 2020 (Photo Credit- Wikimedia Commons)

शनि-दोष निवारण: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में भले ही शनि ग्रह (Shani Dev) को निष्ठुर देव बताया गया हो, लेकिन अधिकांश ज्योतिषियों का मानना है कि शनि शत्रु नहीं मित्र हैं. शनि बहुत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं. कुछ ज्योतिषियों के अनुसार शनि कलियुग के न्यायाधीश हैं, वे मानव को उसके कर्मानुसार सजा अथवा फल प्रदान करते हैं. यद्यपि यह भी माना जाता है कि शनि अगर किसी पर कुपित हो जायें तो उसे पल में राजा से भिखारी बना सकते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में ऐसी अनेक कथाएं मिलेंगी, जिसके तहत जिस किसी पर भी शनि की कुदृष्ट पड़ी, उसका जीवन संकट में जरूर घिरा. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान श्रीगणेश तक शनि की कुदृष्टि से नहीं बच सके. इसका एकमात्र रास्ता है कि किसी भी तरह शनि को शांत कर दिया जाये, तो उसके किस्मत के द्वार खुल जायेंगे. यहां ज्योतिषाचार्य शनि की शांति के कुछ उपाय बता रहे हैं, जिसे अपना कर आप अपनी जिंदगी में खुशियों की बहार ला सकते हैं

कैसे दूर करें शनि के प्रकोप को

अगर आपके काम में किसी तरह की बाधाएं आ रही हैं, बनता काम बिगड़ जाता है, अथवा आप पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या बताया गया है, तो आपको शनि भगवान को खुश करने के लिए निम्न उपायों को अमल में लाना होगा.

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क्या है शनि का स्वरूप

हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव को सूर्य का पुत्र माना गया है. शनि नीले रंग के ग्रह हैं, जिससे नीले रंग की किरणें पृथ्वी पर निरंतर पड़ती रहती हैं. इनकी गति सबसे धीमी मानी जाती है. इनका आकार बहुत बड़ा है, इसलिए इन्हें एक राशि का भ्रमण करने में करीब ढाई वर्ष और 12 राशियों का भ्रमण करने में लगभग 30 वर्ष लग जाते हैं. हिंदू समाज में शनि को लेकर एक भ्रम बन गया है कि शनि अनिष्ठकारक, अशुभ, कष्टों के प्रदाता हैं, लेकिन बहुत सारे ज्योतिषि इसे भ्रामक बताते हुए कहते हैं कि वास्तव में मानव जीवन में शनि सकारात्मक ज्यादा हैं और नकारात्मक कम.

इन उपायों को अमल में लाने से शनि के दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है

* किसी भी शनिवार के दिन किसी काले कुत्ते को दूध पिलाएं.

* शनिवार की अर्धरात्रि में सरसों का तेल हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं, तमाम कष्टों से मुक्ति मिलेगी.

* चीटिंयों को 7 शनिवार तक काले तिल, आटा, शक्कर मिलाकर खिलाएं.

* शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव से कष्ट तारने की प्रार्थना करें.

* शनि की ढैया से ग्रस्त व्यक्ति को हनुमान चालीसा का सुबह-शाम जप करना चाहिए.

* शनि द्वारा प्रदत्त पीड़ा से ग्रस्त व्यक्ति को रात्रि के समय दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.

* शनिवार के दिन बाजार से काले रंग का कोई भी पक्षी खरीदकर उसे आजाद कर दें, आपकी सारी तकलीफें दूर हो जायेंगी.

* शनिवार के दिन लोहे का त्रिशूल महाकाल शिव, महाकाल भैरव या महाकाली मंदिर में चढ़ाएं

* अगर शनि दोष से पीड़ित होने के कारण आपका विवाह नहीं हो रहा है तो किसी भी माह के शुक्लपक्ष के पहले शनिवार को एक पाव काली राई नये काले वस्त्र में बांधकर किसी भी पीपल के पेड़ की जड़ में रखें और प्रार्थना करें कि आपकी शादी में आ रही रुकावटें दूर हो जायें.

* शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या के दिन अपना कोई पुराना जूता घर से दूर किसी चौराहे पर रखकर बिना पीछे देखें वापस आ जाएं.

* शनिवार के दिन काले लंगूरों को काले चने, गुड़ अथवा केला खिलायें.

* किसी नदी अथवा सरोवर के बहते पानी में एक नारियल विसर्जित करें, शनि के दोषों से मुक्त हो जायेंगे.

शनि की शाांति के लिए करें कुछ ऐसा!

खास हालातों में शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय के प्रतीक हैं. इसके साथ-साथ शनि ही सुख, शांति, समृद्धि, वैभव और मोक्ष देते हैं. लेकिन वहीं पापी और दुराचारी लोगों के लिए शनि दुख, कष्ट और व्यार्धिकारक देव भी माने जाते हैं, जबकि मेहनती, ईमानदार और निष्ठावान व्यक्तियों के लिए यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह भी बताया गया है इन्हें. शनि अमूमन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन अगर किसी राशि के विपरीत शनि चल रहे हैं तो हमारे ज्योतिषाचार्य के अनुसार कुछ आसान तरीके हैं, जिनसे उन्हें प्रसन्न कर लाभ उठाया जा सकता है.

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