अकसर देखा जाता है कि कुछ कपल्स में समय से पूर्व ही सेक्स के प्रति रुझान कम होने लगता हैं. इस वजह से उनका दाम्पत्य जीवन तो प्रभावित होता ही है, साथ ही कभी-कभी यह तलाक का कारण भी बनता है और फलती-फूलती जिंदगी अचानक बिखर जाती है. चूंकि यौन संतुष्टि शारीरिक और मानसिक अवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए कम होती यौन इच्छा की समस्याओं पर उतना ही ध्यान और उपचार की आवश्यकता होती है, जितनी अन्य शारीरिक या मानसिक बीमारी पर. कम सेक्स ड्राइव की प्रवृत्ति को समझने के लिए, यहां कुछ सामान्य कारणों का विश्लेषण किया गया है. अगर न्यू कपल्स इन वजहों पर ध्यान दें और इनसे बचने की कोशिश करें तो अपनी वैवाहिक जीवन को बिखरने से बचा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Sex Tips: अपनी सेक्स लाइफ को बूस्ट करने के लिए इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन
* तनाव अहम वजह हो सकती है
अमूमन महिलाओं में कम होती कामेच्छा का प्रमुख कारण तनाव होता है, जो उनकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है. इस बात की पुष्टि तमाम शोधों से हो चुकी है. सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार भागदौड़ भरी जिंदगी, काम का दबाव, किसी तरह की परेशानी तथा तनावग्रस्त जीवन में आनेवाले मानसिक दबाव होते हैं, जो महिलाओं और पुरुषों को एक दूसरे शारीरिक रूप से दूर करते हैं, जिसका असर उनके सेक्स जीवन पर भी पड़ता है. कभी-कभी कपल्स के बीच एक दूसरे की कुछ समस्याओं के कारण भी तनाव उत्पन्न होता है. जिसे वे खुलकर शेयर नहीं करते.
* बीमारी भी प्रभावित करती है कामेच्छा को
कपल्स में किसी तरह की शारीरिक अथवा मानसिक बीमारी भी उनकी सेक्स भावना को प्रभावित कर सकती है, जिससे सेक्स की इच्छा क्रमशः कम होती जाती है. उदाहरण के लिए किसी तरह की चोट अथवा घाव जो प्रजनन अंगों, नसों या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकती है. जननांगों में बाधित रक्त प्रवाह के कारण भी अक्सर सेक्स ड्राइव कम हो जाती है. हिस्टेरेक्टॉमी जैसी प्रक्रियाओं अथवा बच्चे के जन्म के समय उत्पन्न चोट भी सेक्स के प्रति रुझान को कम करते हैं. इसके अलावा मानसिक बीमारी निमित्त दवाएँ लेने से होने वाले दुष्प्रभाव, जैसे अवसाद रोधी, या अन्य पुरानी बीमारियों के लिए नियमित उपचार भी सेक्स के प्रति रुझान को प्रभावित कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Most Common First Time Sex Mistakes: पहली बार सेक्स के दौरान होती हैं ये आम गलतियां
* हारमोन्स असंतुलन
हार्मोन में हो रहे असंतुलन, जैसे कोर्टिसोल, एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन और थायराइड हार्मोन, सेक्स ड्राइव को प्रभावित करते हैं. वस्तुतः आये दिन तनाव के कारण कोर्टिसोल के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है. बढ़ा हुआ कोर्टिसोल का स्तर थकान और ड्रायनेस पैदा करता है. कोर्टिसोल रक्त शर्करा (Blood Suger) की समस्याओं और अनहेल्दी भोज्य पदार्थ से भी प्रभावित होता है. एस्ट्रोजन, भी मुख्यतः महिला सेक्स हार्मोन में हुए असुंतलन की वजह से हो सकता है. एस्ट्रोजन के बढ़े या निम्न स्तर से सूजन, वजन का बढ़ना, खराब मूड, योनि में सूखापन, या हैवी पीरियड्स की शिकायत उत्पन्न होती है, जो कम सेक्स का कारण हो सकता है. किसी चिकित्सक से मिलकर इस समस्या को दूर कर लेना चाहिए.
* अत्यधिक शराब या धूम्रपान भी कामेच्छा को प्रभावित करता है
शराब अथवा ज्यादा धूम्रपान से गर्भाधान की संभावनाओं क्षमताओं को कम कर सकती है, खासकर तब जब प्रजनन संबंधी समस्याएं पहले से हों. यहां शराब और धूम्रपान को कम करना और स्वस्थ जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करना ही बेहतर विकल्प हो सकता है, और सेक्स ड्राइव को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं.
* मनोवैज्ञानिक मुद्दों से भी कामेच्छा कम हो सकती है
मानसिक बीमारी के अलावा अंतर्निहित मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी काम भावना को प्रभावित कर सकती हैं. यहां ऐसे कुछ मुद्दे हैं, जिनसे सेक्स में रुझान कम हो सकता है.
आत्मविश्वास और आत्म-सम्मानः एक स्वस्थ और आनंदमय सेक्स लाइफ के लिए व्यक्ति को अपने प्रति प्यार करने की आवश्यकता होती है. आत्मविश्वास की कमी से शरीर में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है, जिससे सेक्स की इच्छा कम हो सकती है.
आघात और दुर्व्यवहारः कपल्स के बीच दुर्व्यवहार एवं अपमानजनक स्थितियों के कारण भावनात्मक रिश्ते आहत होते हैं, इस वजह से कपल्स के बीच शारीरिक अथवा यौन इच्छा में दूरियां बढ़ती हैं. इसलिए छोटी मोटी बातों के नजरंदाज कर व्यवहार में नर्मी लाने का प्रयास कपल्स को करना चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.