उम्र के साथ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर अक्सर कम होने लगता है. जब इस सेक्स हार्मोन (sex hormones) की कमी हो जाती है, तो पुरुषों में कुछ लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं. लेकिन उन्हें इसका आभास भी नहीं है. आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में. यह भी पढ़ें: Sex Secrets Every Woman Must Know: 5 सेक्स सीक्रेट्स जो हर महिला को जानना चाहिए
टेस्टोस्टेरोन (testosterone) पुरुष शरीर में निर्मित एक सेक्स हार्मोन है. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का कार्य पुरुषों में कामेच्छा (sex drive) को बढ़ाना है. लेकिन जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह हार्मोन उनके यौन विकास से भी संबंधित है. यहां बताए गए लक्षणों से आप जान सकते हैं कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी नहीं है.
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी का क्या कारण है?
- पिट्यूटरी ग्रंथि में संक्रमण या ट्यूमर के कारण
- कीमोथेरेपी से लेकर कैंसर के इलाज तक
- विकिरण उपचार
- आनुवंशिक रोग
- शरीर में जब आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.
- बहुत अधिक तनाव
- गुर्दे से संबंधित रोगों
- शराब के दैनिक सेवन
- मोटापा
- किसी भी प्रकार के चयापचय विकार
- गुर्दे की विफलता
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी उम्र के साथ एक चिकित्सा समस्या है, जिसका सीधा संबंध टाइप 2 मधुमेह और मोटापे से है. एक रक्त परीक्षण केवल टेस्टोस्टेरोन के स्तर का पता लगा सकता है. बता दें कि रोजमर्रा की जिंदगी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसका स्तर कभी कम तो कभी ज्यादा होता है लेकिन जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है तो इसके लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं.
टेस्टोस्टेरोन का स्तर किस उम्र में कम हो जाता है?
पुरुषों में औसतन 45 साल की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरना शुरू हो जाता है. लेकिन यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि टेस्टोस्टेरोन का स्तर क्या होना चाहिए क्योंकि खाने में मौजूद पोषक तत्वों, बीएमआई, अल्कोहल के कारण टेस्टोस्टेरोन के स्तर में रोजाना उतार-चढ़ाव होता रहता है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.