Paush Amavasya 2022: आज है साल की पहली अमावस्या! जप-तप एवं पितृ-दोष से मुक्ति के लिए विशिष्ठ दिन! क्या है पूजा-विधि एवं मुहूर्त? जानें इस दिन क्या करना चाहिए!
अमावस्या (Photo Credit : Pixabay)

सनातन धर्म में प्रत्येक माह में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को अमावस्या के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आज यानी 2 जनवरी 2022 को श्रद्धालु पौष अमावस्या का व्रत एवं पूजन करेंगे. मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र सरोवर या नदी में स्नान कर व्रत, पूजा एवं दान करने से जीवन में सुख एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि पौष मास की अमावस्या के दिन भारी संख्या में लोग पवित्र नदियों में स्नान एवं सूर्योपासना के पश्चात गरीब एवं ब्राह्मणों को दान देकर अक्षुण्य पुण्य की प्राप्ति होती है. आइये जानें क्या है पौष अमावस्या का महत्व, पूजा-विधि एवं मुहूर्त?

पौष अमावस्या का महात्म्य

सनातन धर्म ग्रन्थों में पौष मास को आध्यात्मिक चिंतन-मनन, जप-तप एवं पूजा-पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. इस दिन स्नान-दान और पूजा-अर्चना की पुरानी परंपरा है. इसीलिए पौष मास की अमावस्या के दिन भारी तादाद में श्रद्धालु पवित्र गंगा, अन्य नदी अथवा सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि पौष अमावस्या पर पितरों के नाम पिण्डदान एवं तर्पण करने से ना केवल पितर बल्कि सभी देवी-देवता ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि एवं पशु-पक्षी समेत प्राणी भी प्रसन्न होते हैं. ऐसा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

पूजा-विधि एवं तर्पण

सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान करें. नदी अथवा सरोवर उपलब्ध नहीं हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी समान पुण्य की प्राप्ति होगी. स्नानं-दान के पश्चात सूर्य को जल अर्पित करें. इसके पश्चात घर के मंदिर में भगवान विष्णु एवं शिवजी की विधिवत पूजा करें. अगर संभव है तो इस दिन उपवास भी रखें. वे लोग जिनके पूर्वजों का पिंड दान नहीं हुआ है, वे इस दिन अपने पितरों को तर्पण जरूर करें. पूजा-पाठ के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद भोजन ग्रहण करें. यह भी पढ़ें : Hanuman Jayanti 2022 Wishes & Tamil Hanumath Jayanthi HD Images: तमिल हनुमथ जयंती पर ये GIF और Greetings भेजकर दें शुभकामनाएं

पौष अमावस्या का मुहूर्त

पौष अमावस्या प्रारम्भः 03.41 AM, जनवरी 02 रविवार 2022

पौष अमावस्या समाप्तः 12.02 AM, जनवरी 03 सोमवार 2022

पौष मास के दिन यह कार्य अवश्य करें

* तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग का कोई भी पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें.

* जिनके पित्तरों का श्राद्ध एवं तर्पण नहीं किया गया है, उन्हें इस दिन अपने पित्तरों का तर्पण एवं श्राद्ध कार्य अवश्य करना चाहिए.

* पितृ-दोष एवं संतान-हीन पीड़ितों को इस दिन उपवास रखते हुए तर्पण अवश्य करना चाहिए.

* इस दिन शाम के समय सरसों के तेल का दीप प्रज्जवलित कर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए पूजा करनी चाहिए.

* पौष अमावस्या के दिन गौ-दान को महादान के रूप में देखा जाता है, अगर गौदान का सामर्थ्य नहीं है तो गाय के नाम से एक निश्चित धन-राशि किसी ब्राह्मण को देना चाहिए. ऐसा करके आपको सौ यज्ञों के समान पुण्यों की प्राप्ति होती है.

* इस दिन अन्न एवं वस्त्र का दान करना चाहिए. बेहतर होगा कि इस कड़कती ठंड में किसी गरीब को कंबल अथवा गरम कपड़ों का दान करना भी महत्वपूर्ण होता है.