पपीते के रस के बारे में सोचकर आपके मुंह में पानी नहीं आएगा बल्कि उकाइयां आएंगी. इसका इसका स्वाद कड़वा जरुर होता है. लेकिन ये आपकी जिंदगी कई तरीकों से बचा सकता है. अब तक आपने पपीते के पत्ते रस के बारे में यही सुना होगा कि यह डेंगू बुखार में रोगियों के प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के काम आता है. पपीते के पेड़ के पत्ते में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो डेंगू बुखार में रक्त कोशिकाओं के टूटने को रोक सकते हैं. इसपर कई अध्यन किए गए हैं जो साबित कर सकते हैं कि पपीते के पत्ते का एकमात्र स्वास्थ्य लाभ नहीं है. पपीते के पत्ते की चाय या जूस पीने से आपकी सेहत में एक से अधिक तरीके से सुधार हो सकता है. आइए आपको बताते हैं इस औषधीय पत्ती के कुछ लाभ.
पाचन में सुधारता है और पेट को ठीक करता है
पपीते के पत्ते की चाय पीना पाचन के लिए फायदेमंद है. पपीते के पत्तों में पपैन, च्योपोपैन, प्रोटीज और एमाइलेज, जैसे एंजाइमों से भरा हुआ ये आपके आपके पाचन तंत्र में सुधार करते हैं. यह अल्सर और गैस्ट्रिक को भी ठीक करता है. मानसून में पपीते के पत्तों का रस पीने से इसके मजबूत रोगाणुरोधी कार्यों के कारण पेट के संक्रमण की संभावना कम हो जाती है.
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पीएमएस और मासिक धर्म के दर्द से राहत देता है
मासिक धर्म के दौरान पपीते के पत्ते का रस पीने से उल्टी हो सकती है क्योंकि पारंपरिक भारतीय घरों में मासिक धर्म वाली महिलाओं को पपीता खाने से मना किया जाता है. लेकिन इसका रस पीने से ऐंठन जैसे कुछ खराब पीएमएस लक्षणों से राहत मिलती है. पत्ती में मौजूद एंजाइम पीरियड्स को नियमित, सही रक्त प्रवाह और हार्मोन्स आदि को संतुलित रखता है.
डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज से पीड़ित लोग ब्लड में शुगर को कम करने के लिए पपीते के पत्तों का रस अपने नियमित आहार में ले सकते हैं. पपीते के पत्तों का रस शुगर और लिपिड के स्तर को कम करता है. ये रिसर्च में सिद्ध हुआ है. लेकिन जो लोग पहले से ही डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना पपीते के पत्तों का रस नहीं पीना चाहिए.
लिवर और अग्न्याशय के लिए फायदेमंद
पपीते के पत्ते में मौजूद एंजाइमों का लीवर और अग्नाशय के स्वास्थ्य पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है. पपीते के पत्तों के रस को आपके पाचन तंत्र को रीसेट करने के लिए डिटॉक्सिफाइंग क्लीन करने के लिए किया जा सकता है.
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कैंसर से लड़ता है
ये बिलकुल सही है, पपीते की पत्तियों के रस को ट्यूमर बनने से रोकने के लिए जाना जाता है. इसमें क्रोनिक माइलोमोनोसाइटिक ल्यूकेमिया है जो कैंसर के खिलाफ लड़ता है. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां पपीते की चाय के अर्क का नियमित रूप से सेवन करने से कैंसर से कई रोगियों को छुटकारा मिला हैं. यह ब्रेस्ट , ग्रीवा (cervical), फेफड़े और अग्नाशय (Pancreatic) कैंसर के मामलों में प्रभावी साबित हुआ है.
एंटीऑक्सीडेंट देता है
पपीते के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए साबित हुए हैं, जो सेलुलर क्षति का कारण बनता है. ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative Stress) से शरीर में सूजन, कैंसर और हृदय रोग आदि होते हैं.
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