Palm Sunday 2024 Holy Week: पाम संडे के दिन प्रभु यीशु गधे पर यरुशलम क्यों पहुंचे थे? जानें इसका महत्व एवं इतिहास!
Palm Sunday 2024 Holy Week (IMG: File Photo)

ईस्टर से पहले ईसाई समाज के पाम संडे से पवित्र सप्ताह की शुरुआत होती है. यह दिन प्रभु यीशु की सूली पर चढ़ने के दिन की याद दिलाता है. इस दिन लोग ताड़ की शाखाएं पकड़ते हैं, जो अच्छाई और जीत का प्रतीक है.

महत्व रविवार

पाम संडे ईसाई समुदाय के लिए महत्वपूर्ण दिन है. इस वर्ष, पाम संडे 24 मार्च 2024 को मनाया जाएगा. यह पवित्र सप्ताह प्रभु यीशु के जीवन के अंतिम दिनों यानी उनके सूली पर चढ़ने की स्मृतियों को ताजा करता है. पाम संडे हर वर्ष ईस्टर के ठीक पहले रविवार के दिन मनाया जाता है, जिसे यरुशलम में प्रभु यीशु के विजय का प्रतीक माना जाता है. यह घटना मृत्यु पर उनकी जीत का प्रतीक है, और ईसाइयों के लिए मानवता हेतु यीशु द्वारा किये गये बलिदान पर विचार का समय है. पाम संडे के दिन अकसर मंडली को खजूर की शाखाएं वितरित करते हैं, जो उन शाखाओं का प्रतीक हैं, जो यीशु के यरूशलेम में प्रवेश के समय जमीन पर रखी गई थी. आइये जानते हैं पाम संडे के संदर्भ कुछ महत्वपूर्ण तथ्य यह भी पढ़ें : Nowruz 2024: कब है नवरोज? जानें पारसी समाज साल में दो बार क्यों मनाते हैं यह उत्सव? एवं क्या है इसका इतिहास, एवं सेलिब्रेशन?

पाम संडे 2024 इतिहास

प्रभु यीशु के आगमन से पूर्व बाइबिल के एक पुराने संस्करण में एक भविष्यवक्ता जकर्याह ने भविष्यवाणी की थी कि एक मसीहा गधे पर सवार होकर आएगा. इसके बाद जब यीशु गधे पर सवार होकर यरूशलेम आये तो जकर्याह की भविष्यवाणी सच साबित हुई. एक राजा और एक रक्षक होने के नाते गधे पर सवारी करना उनकी विनम्रता थी, वरना वह चाहते तो वायु वेग से उड़ने वाले घोड़े की सवारी करके आ सकते थे. यीशु ने जब गधे पर सवार यरूशलेम में प्रवेश किया तो लोगों ने खुशी में अपने कपड़े उतारकर जमीन पर फैला दिये और खजूर की शाखाएं लहराते हुए होसन्ना होसन्ना चिल्लाया, ईसाई मतों के अनुसार भगवान की स्तुति कहते हैं, ऐसा इसलिए कि वह यीशु को अपना राजा मानते थे. उनका विश्वास था कि यीशु उनके परीक्षणों और कष्टों से मुक्ति और उम्मीद जगाएंगे. यीशु का यह आगमन फसह के दौरान हुआ था, फसह यहूदियों के लिए वह समय है, जब भगवान ने उन्हें मिस्त्र की गुलामी से मुक्त कराया था.

पाम संडे महत्व

प्रभु यीशु का गधे पर सवार होकर यरूशलेम आना उनकी विनम्रता और सादगी का प्रतीक है. प्रभु यीशु दुनिया की सेवा करने, प्यार करने और शांति लाने के लिए यरुसलेम आये थे, इसलिए इसे खुशी और कृतज्ञता के साथ मनाया जाता है. प्रभु यीशु दुनिया की सेवा करने, प्यार बांटने और शांति फैलाने के लिए आये थे. इसलिए इस दिन को खुशी और कृतज्ञता के साथ मनाया जाता है. जैसे-जैसे यह पवित्र सप्ताह करीब आता है, पाम संडे हमें यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान की यात्रा की याद दिलाता है. पाम संडे हमें प्रभु यीशु के बलिदान, विनम्रता, सादगी और पुनरुत्थान की याद दिलाता है.