
दुनिया के लगभग सभी देशों में चाय का बहुतायत प्रयोग किया जाता है. सुबह के सामान्य पेय से लेकर तमाम सामाजिक और धार्मिक अनुष्ठानों में मुख्य रूप से चाय का इस्तेमाल बढ़ चढ़ कर किया जाता है. चाय की बढ़ती मांग को देखते हुए चाय उत्पादक चाय प्रेमियों के लिए सैकड़ों किस्म की चाय का उत्पादन करते हैं. चाय उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, यही वजह है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह गरम--गरम पेय बड़े शौक से पीया जाता है. कई मामलों में चिकित्सक भी चाय पीने की सलाह देते हैं. चाय की इसी महत्ता को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 21 मई को ‘राष्ट्रीय चाय दिवस’ मनाया जाता है. इस अवसर पर आइये बात करेंगे इसके रोचक इतिहास, महत्व एवं इससे संबंधित कुछ रोचक पहलुओं पर.
राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास
प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को यूनाइटेड किंगडम समेत दुनिया भर में राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. वस्तुतः 2015 में ‘द टी ग्रुप’ द्वारा स्थापित, इस दिवस का उद्देश्य चाय-प्रेमियों को एकजुट करना और ब्रिटेन में चाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना और आगे बढ़ाना है. दरअसल यह तिथि 1662 में कथरीन ऑफ ब्रैगेंजा के आगमन को ध्यान में रखकर तय की गई थी, जो किंग चार्ल्स सेकेंड से शादी करने पर मायके से दहेज के रूप चाय लेकर आई थीं, दरबार में उनकी दैनिक चाय की खपत ने ब्रिटिश अभिजात वर्ग के बीच पेय को अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है आज राष्ट्रीय चाय दिवस एक राष्ट्रव्यापी उत्सव बन गया है, जिसमें लंदन के चिसविक हाउस एंड गार्डन में ‘फेस-टी-वेल’ कार्यक्रम शामिल हैं. इस दिन ब्रिटेन में होटल, पब और कैफे विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
राष्ट्रीय चाय दिवस सेलिब्रेशन
राष्ट्रीय चाय दिवस को यादगार और अनोखा बनाने के लिए इस दिवस को इस तरह सेलिब्रेट कर सकते हैं.
* घर पर चाय-पार्टी में अपने साथियों को बोर्ड गेम, बैकग्राउंड म्युजिक एवं हास्य-प्रहसन आदि के लिए आमंत्रित करें. अपने लिविंग रूम को चाय के स्वर्ग में बदल दें. अपने मित्रों को अदरक वाली चाय से लेकर इलायची, मसाला और हर्बल मिक्स तक विभिन्न स्वादों वाली चाय पिलाकर खुशियां मनाएं.
* इस दिन को विशेष बनाने के लिए अपने परिवार के लोगों को कुछ स्पेशल चाय बनाकर पिलाएं, क्योंकि कभी-कभी छोटी-छोटी बातों से परिवार के बीच रिश्तों की गरमाहट मेंटेन करके रखी जा सकती है. बेहतर होगा कि चाय के साथ कुछ चिप्स, आदि भी परोसें. यह पुरानी परंपरा है.
* दार्जिलिंग से लेकर क्योटो तक, हर क्षेत्र में चाय बनाने का अपना-अपना तरीका है. इस अवसर पर पर आप चाहें तो माचा, कैमोमाइल या मोरक्कन मिंट जैसे चाय के अंतरराष्ट्रीय स्वादों को आज़माएं.
* दूसरों को भी खुशियां बांटें. अपने सुरक्षा गार्ड, अपने घर के सहायक या पड़ोसियों को इस दिन एक स्पेशल कप चाय पिलाएं. इस तरह यह पूरा दिन आप बहुत खुशनुमा बना सकते हैं.