Ganesh Chaturthi 2019: मंगलुरू के एक व्यक्ति बनाई ऐसी गणेश मूर्ति जो विसर्जन के बाद बन जाएगा पौधा
नितिन वाजा ने बनाई पेपर पल्प से गणेश जी की मूर्ति, (फोटो क्रेडिट्स: Twitter)

मंगलुरू: चारों ओर गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों-शोरों पर है, लोग भगवान के आगमन के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित हैं. लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इको फ्रेंडली मूर्ति स्थापित करें. वहीं मंगलुरू के एक व्यक्ति ने प्रकृति को ध्यान में रखते हुए इस त्योहार को मनाने की एक जबर्दत खोज की है. मंगलुरू स्थित नितिन वाजा ने विषाक्त पदार्थों और पेंट से बचते हुए भगवान गणेश की मूर्ति को बीज और पेपर पल्प से बनाया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, नितिन वाजा द्वारा बनाई गई मूर्तियों में फल, सब्जी और पेड़ों के बीज डाले गए हैं. पारंपरिक मूर्तियों के विपरीत ये पानी में आसानी से घूल जाती हैं. इन मूर्तियों को पुराने अखबार के पल्प से बनाया गया है.

नितिन वाजा ने बताया कि, 'हमने जहरीले पेंट या किसी अन्य जहरीली सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया है. यह मूर्ति सब्जी के बीज और फलों के बीजों से जड़ी है. विसर्जन के बाद ये एक पौधे में बदल जाएगी. उन्होंने कहा, "हमने इस साल 30-40 गणेश प्रतिमाएं बनाई हैं. इस साल मंगलुरू में मांग इतनी अधिक नहीं है, लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसमें बढ़ोतरी होगी." ईको-फ्रेंडली भगवान गणेश की मूर्तियों के अलावा, इसके अलावा नितिन ने बीज से पेपर पेन और पेपर पेंसिल भी बनाए हैं. उन्होंने कहा, "हमने पेपर पेंसिल और पेपर पेन को बीज के साथ इंबेडेड किया है. जो विसर्जन के बाद पौधों के रूप में उगेंगे.

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गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है. लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करते हैं. दस दिन तक उनकी पूजा आराधना करते हैं और ग्यारहवें दिन उनका धूम धाम से विसर्जन कर देते हैं.