हर वर्ष चार नवरात्रियां पड़ती हैं. दो गुप्त नवरात्र (माघ और आषाढ़) और दो जन-सामान्य नवरात्र (चैत्र और आश्विन) में. 22 जनवरी 2023, रविवार से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. इस माघ मास की गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, चिन्नमस्ता त्रिपुर भैरवी, घूमावती, बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी की साधना-अर्चना की जाती है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस वर्ष माघ नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा पर सिद्ध योग लगने के कारण इस गुप्त नवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ जायेगा. आज बात करेंगे, माघ मास के गुप्त नवरात्रि के महात्म्य, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं पूजा विधि के बारे विस्तार से.
माघ नवरात्रि का महत्व!
हिंदू पंचांगों के अनुसार साल में चार नवरात्रियां पड़ती हैं. चारों नवरात्रियों का अलग-अलग महत्व होता है. इसमें शरद नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि आम देवी-भक्तों द्वारा व्यापक रूप से मनायी जाती है, लेकिन माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना एवं पूजा जाता है. इन दोनों ही गुप्त नवरात्रियों पर आमतौर पर तांत्रिक क्रियाएं होती है. तांत्रिक एवं साधु-संन्यासी इन दोनों नवरात्रियों पर देवी दुर्गा को प्रसन्न करते हैं और सिद्धियां पाने के लिए तमाम तरह से गुप्त रूप से अनुष्ठान करते हैं. यद्यपि बहुत सारे देवी भक्त भी इन दोनों गुप्त नवरात्रियों पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं. माघ नवरात्रि की प्रतिपदा से पांचवे दिन बसंत पंचमी मनाई जाती है. यह भी पढ़ें : Magha Gupta Navratri 2023 Wishes: माघ गुप्त नवरात्रि की इन भक्तिमय WhatsApp Messages, GIF Greetings, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं
माघ गुप्त नवरात्रि के शुभ योग मुहूर्त!
प्रतिपदा प्रारंभः 02.22 AM से 10.27 PM (22 जनवरी 2023, रविवार) से
प्रतिपदा समाप्तः सुबह 10.27 PM मिनट से (22 जनवरी 2023, रविवार) तक
कलश स्थापना मुहूर्तः सुबह 07.15 AM से 10.58 AM तक
अभिजीत मुहूर्त: 12.10 PM से 12.57 PM तक
सिद्धि योग में शुरु हो रहा है माघ नवरात्रि
ज्योतिष शास्त्री रवींद्र पाण्डेय के अनुसार गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 22 जनवरी को सबसे शुभ योग अर्थात सिद्धि योग में हो रहा है. यह सिद्धि योग दिन 10.07 से प्रारंभ होकर अगले दिन 23 जनवरी की प्रातः 5.41 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि इस योग काल में माँ दुर्गा उपासना करने से हर तरह की सिद्धियों का लाभ प्राप्त होता है.
माघ मास की गुप्त नवरात्रि पूजा विधि!
गुप्त नवरात्रि की पूजा अमुमन तांत्रिकों एवं साधु-संन्यासियों द्वारा विशेष सिद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है, लेकिन घर-गृहस्थी वाले लोग भी इस गुप्त नवरात्रि पर माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना अपने अनुसार करते हैं. माघ नवरात्रि 22 जनवरी 2023 से शुरू होकर 30 जनवरी 2023 तक चलेगी. प्रतिपदा को प्रातः स्नान करने के पश्चात एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें. श्रीफल के साथ कलश की स्थापना करें. धूप-दीप प्रज्वलित कर माँ दुर्गा का ध्यान करें और निम्न मंत्र का जाप करें.
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
अब माँ दुर्गा को सिंदूर, रोली, अक्षत, इत्र, सुपारी के साथ लाल रंग की चुनरी अर्पित करें. प्रसाद में मिष्ठान, मौसमी फल अर्पित करें. अंत में दुर्गाजी की आरती उतारें. इसी तरह नौ दिनों तक दुर्गा जी की पूजा-अर्चना करें.