चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है तो सूर्य की किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुंचती, जिससे चंद्रमा पर पूर्ण अथवा आंशिक काली छाया पड़ती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण दोनों का संबंध समुद्र-मंथन से है. अमृत पान के दौरान स्वर्भानु नामक राक्षस अमृत चख लेता है. सूर्य और चंद्रमा यह बात अमृत बांट रही मोहिनी (श्रीहरि) को बताते हैं. यह भी पढें: Lunar Eclipse 2023: जानें भारत एवं दुनिया भर में पीनम्ब्रल चंद्रग्रहण की दृश्यता, तिथि, समय एवं लाइव स्ट्री
मोहिनी उस असुर का सिर सुदर्शन चक्र से काटकर अलग कर देती हैं, लेकिन अमृत पान कर लेने से राक्षस मरता नहीं है. सिर वाला भाग राहु और धड़ केतु बन जाता है. राहु और केतु बदला लेने के लिए अकसर सूर्य और चंद्रमा को निगलते रहते हैं, इसी काल को सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण कहते हैं. इस चंद्र ग्रहण को बहुत खास माना जा रहा है क्योंकि यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण अब अगले दो दशकों तक दोबारा नहीं लगेगा. आइये जानें इस चंद्र ग्रहण की विशेष बातें.
चंद्र ग्रहण (5 मई 2023) को कितने बजे शुरू होगा और कब खत्म होगा?
पहला चंद्र ग्रहणः 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण प्रारंभः 08.45 PM, जो उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्तः यह ग्रहण 01.00 AM पर समाप्त होगा.
उपच्छाया से पहला स्पर्श कालः 08.45 PM
परमग्रास चन्द्र ग्रहण कालः 10.53 PM
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श कालः 01.00 AM
उपच्छाया की कुल अवधिः 04 घंटे,15 मिनट, 34 सेकंड
चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण कितने बजे दिखाई देगा, यह इस पर निर्भर करेगा कि आप किस स्थान से चंद्र ग्रहण देख रहे हैं.
साल का पहला उपच्छाया ग्रहण भारतीय समयानुसार 10.11 AM(05 मई 2023) पर शुरू होगा. और 12.22 PM (05 मई 2023) चरम पर होगा, और 14.31 PM पर समाप्त होगा. ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 18 मिनट है.
भारत में चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा लेकिन सावधानियां जरूर बरतें
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल चंद्र ग्रहण शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, वहीं सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह अशुभ समय होता है. इस दरम्यान शुभ-मंगल कार्य आदि नहीं करने चाहिए, यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन जहां तक सूतक काल की बात है तो अधिकांश ज्योतिषियों का मानना है कि एहतियात के तौर पर इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
* सूतक काल में घर के भीतर रहना उचित होगा.
* सूतक काल में घर पर खाना बनाने से परहेज रखना चाहिए.
* ग्रहण काल में ना पूजा करना चाहिए ना ही मंदिर या देवी-देवता को स्पर्श करना चाहिए.
* सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को धातु की नुकीली वस्तुओं सुई, खुरपी, चाकू, हंसिया इत्यादि से रहना चाहिए.
* सूतक काल से पहले खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी का एक-दो पत्ता जरूर डालें.
* सूतक काल में किसी तरह के शुभ-मंगल कार्य नहीं किये जाते.
* ग्रहण काल में इस मंत्र का जाप करने से हर बुरी शक्तियों का नाश होगा
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे-