Kumbh Mela 2019: प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे भव्य कुंभ मेले (Kumbh Mela) में अब तक आपने नागा साधुओं, अघोरी बाबाओं, स्टाइलिश साधु-संतों और विदेशी संन्यासियों की झलक तो देख ही ली होगी. सबसे खास बात तो यह है कि कुंभ मेले में इन सभी साधु-संतों और संन्यासियों के बीच एक ऐसे बाबा की भी झलके देखने को मिली, जिनका रुप सबसे अलग और सबसे निराला है. इस अनोखे बाबा (Unique Baba) का नाम अद्भुत बाबा (Adbhut Baba) बताया जाता है, जो सिर से लेकर पैर तक भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) के चोले में नजर आते हैं. उनके इसी साजो-श्रृंगार को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. चलिए जानते हैं इस अद्भुत बाबा की अद्भुत कहानी.
उज्जैन से प्रयागराज के कुंभ मेले में आए अद्भुत बाबा भगवान श्रीकृष्ण के वेश में लोगों को प्रेम, करुणा और मानवता का संदेश देते हैं. जब भी ये बाबा कृष्ण की तरह श्रृंगार करके अपने बाईक पर सवार होकर निकलते हैं तो उन्हें देखने के लिए लोग इकट्ठा हो जाते हैं और उनके मनमोहक रुप को देख उनके साथ सेल्फी लेने पर मजबूर हो जाते हैं. यह भी पढ़ें: Kumbh Mela 2019: जानिए कौन हैं आदि शंकराचार्य और कैसे हुई शंकराचार्यों की उत्पत्ति ?
बताया जाता है कि 13 साल पहले ही अद्भुत बाबा के मन में इस सांसारिक मोहमाया के प्रति विरक्ति की भावना आ गई थी. तब एमए पास इस बाबा ने महाकाल की नगरी में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति शुरु कर दी और उन पर श्रीकृष्ण की भक्ति का ऐसा खुमार छाया कि देखते-देखते वो खुद ही कृष्ण-कन्हैया बन बैठे.
श्रीकृष्ण के मनमोहक रुप को धारण करने के लिए अद्भुत बाबा हर रोज करीब सात घंटे तक श्रृंगार करते हैं और फिर शाम को अपने इस निराले रुप के दर्शन देने के लिए भक्तों के बीच निकल पड़ते हैं.
मोर पंख से सजी शाही पगड़ी, आंखों पर काला चश्मा, हाथ में बांसुरी, गले में मोती-मूंगा की माला और स्फटिक व रत्नों से जड़ा हुआ हार, कानों में कर्णफूल, हाथों में कंगन व कड़ा, पैरों में पैजनी, उंगलियों में अंगूठियां पहनकर वो अपने इस रुप को मनमोहक बनाते हैं. यह भी पढ़ें: कुंभ मेला 2019: विश्व का सबसे प्राचीन वटवृक्ष है 'अक्षयवट', जहां वनवास काल के दौरान भगवान राम ने 3 दिनों तक किया था निवास
गौरतलब है कि ये बाबा सजने-संवरने के बाद भक्तों को दूर से ही दर्शन देते हैं, क्योंकि उन्हें स्पर्श करना मना है. श्रीकृष्ण की भक्ति में दिन रात डूबे रहना, उनकी तरह साज-श्रृंगार करना और भक्तों को अपने मनमोहक रुप के दर्शन कराना इस बाबा की रोज की दिनचर्या बन चुकी है.