कोरोना के हलके पड़ने और महिलाओं के सबसे प्रिय पर्व करवा चौथ के आगमन का असर बाजार में दिख रहा है. चारों ओर रंग-बिरंगे करवे, करवा माता एवं शिव-परिवार की दिव्य तस्वीरें, खील, बताशे, लाई, लावे, चिवड़े, पूजा सामग्रियों, श्रृंगार प्रसाधन, फ़ैशनबल एवं पारंपरिक परिधानों से बाजार पटे पड़े हैं. सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु एवं अच्छी सेहत के लिए मानसिक रूप से इस कठिन व्रत को करने का संकल्प ले चुकी हैं. इस वर्ष 24 अक्टूबर रविवार 2021 को एक बार फिर पांच साल बाद एक अत्यंत शुभ योग में महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखेंगी. मान्यताओं के आधार पर यह व्रत जितना कठिन है, उतना ही कठोर नियमों वाला है. इसलिए इस व्रत को करते समय अमुक नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं व्रत के दिन किन बातों का ख्याल रखें और किस तरह की गलतियों से बचना चाहिए.
गलती से भी ना करें ये गलतियाँ
* करवा चौथ के दिन ज्यादा समय जागकर भगवान शिव, माँ पार्वती, गणेश एवं स्वामी कार्तिकेय की पूजा कीर्तन आदि करना चाहिए, लेकिन एक और बात का ध्यान रखें, कि इस दिन किसी सोते व्यक्ति को जगाना नहीं चाहिए. सोते को जगाना शास्त्र सम्मत नहीं माना जाता.
* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस दिन हम व्रत रखते हैं, तो उस दिन हमें सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर लेना चाहिए, क्योंकि हिंदू शास्त्र में सूर्यास्त के पश्चात उठना दोषपूर्ण होता है, और ऐसे व्रत पूर्ण फलदाई नहीं होते हैं.
* करवा चौथ के दिन किसी को भी किसी भी परिस्थिति में सफेद वस्तु का दान नही करना चाहिए. इसके अलावा दूध, दही, घी, शक्कर जैसी सफेद वस्तु ना किसी को देना चाहिए और ना ही लेना चाहिए.
* शनिवार को अपवाद मान लें, तो किसी भी देवी-देवता व्रत अथवा पूजा-अनुष्ठान आदि में काले, ग्रे अथवा भूरे रंग के परिधान नहीं पहनना चाहिए. ये रंग अशुभ माने जाते हैं. पूजा-पाठ के समय लाल या पीले रंग के परिधान शुभ माने जाते हैं. यह भी पढ़ें : Karwa Chauth 2021 Sargi Thali: करवा चौथ व्रत में सरगी का है काफी महत्व, अपनी पारंपरिक थाली में शामिल करें ये चीजें
* करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन किसी भी वृद्ध पुरुष अथवा महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अपने पति के प्रति भी प्रेम भाव से व्यवहार करना चाहिए. तभी उन्हें बड़ों से दिल से आशीर्वाद मिलता है.
* करवा चौथ के दिन चाकू, सुई, ब्लेड, कैंची जैसी नुकीले धातु का प्रयोग हरगिज नहीं करना चाहिए. कहने का आशय यह है कि इस दिन व्रतियों को सब्जी काटने, सिलाई-कढ़ाई आदि के कार्य से बचना चाहिए.