Indian Air Force Day 2022: विश्व की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बनीं भारतीय वायुसेना! जानें इस दिवस का इतिहास, उद्देश्य और क्षमता

इसी वर्ष आधुनिक सेना की विश्व निर्देशिका (World Directory of Modern Military) ने ग्लोबल एयर पावर्स रैंकिंग में भारतीय वायुसेना को 69.4 TvR देते हुए विश्व में तीसरा स्थान दिया है. अपनी 90वीं वर्षगांठ मनाने जा रही भारतीय वायुसेना के लिए यह गौरवान्वित होने की बात है.

इसी वर्ष आधुनिक सेना की विश्व निर्देशिका (World Directory of Modern Military) ने ग्लोबल एयर पावर्स रैंकिंग में भारतीय वायुसेना को 69.4 TvR देते हुए विश्व में तीसरा स्थान दिया है. अपनी 90वीं वर्षगांठ मनाने जा रही भारतीय वायुसेना के लिए यह गौरवान्वित होने की बात है. गौरतलब है कि 8 अक्टूबर 1932 के दिन भारतीय वायुसेना की स्थापना हुई थी. इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के चीफ और शेष दोनों सशस्त्र सेनाओं (थल सेना एवं थल सेना) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेना प्रमुख भी उपस्थित रहते हैं. इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक विमानों से दांतों तले उंगलियां दबा देनेवाला एयर शो का प्रदर्शन करते हैं. आइये जानें हमारे सशक्त भारतीय वायुसेना दिवस के संदर्भ में विस्तार से..

रॉयल इंडियन एयर फोर्स से भारतीय वायुसेना का उदय

भारतीय वायुसेना का जन्म 8 अक्टूबर 1932 में हुआ था. उस समय भारतीय वायुसेना को यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स के सहायक बल के रूप में खड़ा किया गया था, तब इसका नाम ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ रखा गया था. 01 अप्रैल 1933 में भारतीय वायुसेना के पहले दस्ते का जब गठन हुआ, उस समय इसके पास सिर्फ 6 RF -ट्रेंड ऑफिसर और 19 सिपाही  थे, तभी भारतीय वायुसेना के पहले विमान ने पहली बार उड़ान भी भरी थी. धीरे-धीरे इसका विकास होता रहा, 1945 के द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय वायुसेना ने प्रशंसनीय भूमिका निभाई थी. यद्यपि तब यह सेना ब्रिटिश अधिकारियों के नियंत्रण में थी. अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के पश्चात साल 1948 (प्रथम गणतंत्र दिवस पर) इसे नया नाम भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) दिया गया. आजादी के बाद भारतीय वायुसेना ने 5 युद्ध 4 पाकिस्तान (1948, 1965, 1971 और 1999) के और 1 चीन (1964) के खिलाफ लड़े हैं.

भारतीय वायुसेना दिवस का उद्देश्य

भारतीय वायुसेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय वायुसेना के प्रति लोगों में जागरूकता और देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाना है. भिन्न-भिन्न युद्धों के दौरान भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक का सफलतापूर्वक पूरा किया है. इसके साथ-साथ देश में हुए प्राकृतिक आपदाओं में भी यह प्रमुख भूमिका निभाती है. भारतीय वायुसेना दिवस के अवसर पर हिंडन एयरबेस पर पुराने और अत्याधुनिक विमानों के साथ भारतीय वायुसेना के जवान हैरतअंगेज कारनामे दिखाकर अपने शौर्य एवं प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं.

ये है भारतीय वायुसेना की ताकत

ग्लोबल एयर पावर रैंकिंग में विश्व रैंकिंग में भारतीय वायुसेना को 69.4TvR वर्तमान में भारत के पास कुल 1645 एयरक्राफ्ट्स हैं. यद्यपि चीन के पास भारत से ज्यादा एयरक्राफ्ट हैं, लेकिन राफेल के आने और तेजस फाइटर जेट के अपग्रेड और तमाम तरह से आधुनिकीकरण से भारत अमेरिका और रूस के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. भारत में 1316 एयरक्राफ्ट किसी भी समय युद्ध या रेडी टू सप्लाई के लिए तैयार रहते हैं. प्राप्त सूचना के अनुसार वर्तमान में भारत के पास 632 अटैक, 709 सपोर्ट एवं 304 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं, जबकि आने वाले दिनों में 689 एयरक्राफ्ट्स खरीदे या बनाये जायेंगे. इंडियन एयरफोर्स के पास 438 जंगी हेलिकॉप्टर्स, 250 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स, 7 रीफ्यूलर्स और 14 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट्स हैं.

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