Mpox बन गया है ग्लोबल इमरजेंसी; जानें कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स का यह नया वेरिएंट, क्या हैं इसके लक्षण
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 नई दिल्ली, 15 अगस्त: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को Mpox (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है. यह निर्णय अफ्रीका में इस बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच लिया गया है. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) और अफ्रीका के कई देश इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. यह दूसरी बार है जब वायरल इंफेक्शन को इस तरह से ग्लोबल बीमारी के रूप में घोषित किया गया है. WHO के आंकड़ों के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में मंकीपॉक्स के कम से कम 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं.

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Mpox क्या है?

Mpox एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस का नया वेरिएंट है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक प्रजाति है. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में "पॉक्स जैसी" बीमारी का प्रकोप हुआ था. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में, अधिकांश मानव मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के लोगों में देखे गए थे, जो संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क में थे.

Mpox कैसे फैलता है?

आम तौर पर यह तब फैलता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी और की त्वचा या त्वचा से मुंह का संपर्क हो. लंबे समय तक आमने-सामने बातचीत या संक्रमित की सांस के संपर्क में आने से भी यह फैलता है. यौन संपर्क भी इस वायरस के फैलने का एक कारण है. संक्रमित व्यक्ति के पहने कपड़ों या चादर वगैरह से भी दूसरे को संक्रमण हो सकता है. यह वायरस शरीर में दो से चार हफ्तों के लिए रहता है. गर्भवती महिलाओं से Mpox वायरस भ्रूण और जन्म के दौरान नवजात में फैल सकता है.

Mpox के लक्षण क्या हैं?

यह एक ऐसा वायरस है, जिसमें स्किन पर दर्दनाक फोड़े हो जाते हैं. इसमें बुखार, सिर दर्द होता है और शरीर टूटने लगता है. Mpox से संक्रमित लोगों को अक्सर एक रैश (दाने) होए हैं जो हाथों, पैरों, छाती, चेहरे, मुंह या जननांगों के आस-पास हो सकते हैं. यह रैश अंततः पस से भरे बड़े सफेद या पीले फोड़े और फिर स्कैब्स में बदल जाते है.

अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं. लिम्फ नोड्स भी सूज सकते हैं क्योंकि वे वायरस से लड़ने की कोशिश करते हैं. कई मामलों में, संक्रमण जानलेवा हो सकता है.

Mpox के लक्षण कितने समय तक रहते हैं?

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, Mpox के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं. Mpox की इन्क्यूबेशन अवधि तीन से 17 दिन होती है. इस दौरान व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं होते और वह सामान्य महसूस कर सकता है.

WHO ने Mpox को ग्लोबल इमरजेंसी क्यों घोषित किया?

WHO के अनुसार, इस वर्ष अफ्रीका में Mpox के 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें हो चुकी हैं. अब तक, 96 प्रतिशत मामले और मौतें कांगो से हैं. वैज्ञानिकों को वायरस के और फैलने की चिंता है. हालांकि, WHO ने Mpox को महामारी घोषित नहीं किया है.

कौन से देश प्रभावित हुए हैं?

अफ्रीका में एम पॉक्स तेजी से फैल रहा है. एम पॉक्स यानी कि मंकीपॉक्स और यह वायरस दुनिया के लिए खतरा बन सकता है. मंकी पॉक्स शुरुआत में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में डिटेक्ट हुआ था, लेकिन अब युगांडा और केन्या में भी इसके मरीज दिखाई दे रहे हैं. पिछले महीने, वायरस रवांडा और बुरुंडी में फैल गया है, जो लोकतांत्रिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के साथ सीमा साझा करते हैं. अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने बताया कि यह मंकी पॉक्स अफ्रीका के 34 देश में डिटेक्ट हुआ हैं और यह सभी देश हाई रिस्क पर हैं.