फेफड़ों की गंभीर बीमारीयों को दूर भगाता है टूथपेस्ट का जीवाणुरोधी तत्व

शोधकर्ताओं का कहना है कि इन जीवाणुओं को मारना बेहद मुश्किल है, क्योंकि ये एक चिपचिपी सतह के जरिए संरक्षित हैं, जिसे बायोफिल्म नाम से जानते हैं, जो एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज के दौरान भी बीमारी को बढ़ने देता है.

टूथपेस्ट , सिस्टिक फाइब्रोसिस (सीएफ) (Photo Credits: Pixabay)

न्यूयॉर्क: टूथपेस्ट में पाया जाने वाला एक आम जीवाणुरोधी तत्व दवा के साथ मिलने पर सिस्टिक फाइब्रोसिस (सीएफ) जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ सकता है.  इस शोध का प्रकाशन एंटीमाइक्रोबियल एजेंट्स व कीमोथेरेपी नामक पत्रिका में किया गया है. शोध में पाया गया कि ट्राइक्लोसन जब एक जैव प्रतिरोधी से मिल जाता है तो इसे टोब्रामाइसिन कहा जाता है. ट्राइक्लोसन एक तत्व है, जो जीवाणु को बढ़ने से रोकता या घटाता है.

टोब्रामाइसिन सीएफ जीवाणु की रक्षा करने वाली कोशिकाओं को 99.9 फीसदी तक मारती है. सीएफ जीवाणु को स्यूडोमोनानास एरुजिनोसा के नाम से जानते हैं.

सीएफ एक आम आनुवांशिक बीमारी है, जो हर 2,500 से 3,500 लोगों में एक को होती है. इसकी पहचान शुरुआती अवस्था में हो जाती है. इसके परिणामस्वरूप फेफड़ों में म्यूकस की एक मोटी परत बन जाती है, जो जीवाणुओं के लिए चुंबक का काम करती है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि इन जीवाणुओं को मारना बेहद मुश्किल है, क्योंकि ये एक चिपचिपी सतह के जरिए संरक्षित हैं, जिसे बायोफिल्म नाम से जानते हैं, जो एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज के दौरान भी बीमारी को बढ़ने देता है.

मिशिगनन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस वाटर्स ने कहा, "इन बॉयोफिल्म को खत्म करने के तरीकों को खोजना ही समस्या का निदान है."

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