10.4 Cr Indians May Suffer From This Disease: करोड़ो भारतीय इस बीमारी से हो सकते हैं पीड़ित, AIIMS की स्टडी में बड़ा खुलासा
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नई दिल्ली, 8 अक्टूबर: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक वैश्विक स्वास्थ्य बोझ बन गया है. भारतीय वयस्कों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की व्यापकता की एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि कामकाजी उम्र के लगभग 104 मिलियन (10.4 करोड़) भारतीय इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं. यह भी पढ़ें: Heart Attack Cases Rise Post-COVID-19: अचानक मौत! कोरोना के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े, राजकोट में 24 घंटों में 5 और लोगों की गई जान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, लगभग 11 प्रतिशत भारतीय वयस्क ओएसए से पीड़ित हैं, जिनमें महिलाओं (5 प्रतिशत) की तुलना में पुरुषों (13 प्रतिशत) को अधिक खतरा है.

स्लीप मेडिसिन रिव्यूज जर्नल में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि ओएसए एक कॉमन स्लीप डिसऑर्डर है जो मोरबिडिटी से जुड़ा है.

एम्स में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ अनंत मोहन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने कहा, ''ओएसए प्रसार की वैश्विक समीक्षाओं में भारत और अन्य विकासशील देशों के डेटा का कम प्रतिनिधित्व है. इस व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण ने भारत में ओएसए की व्यापकता की जांच की.''

एम्स नई दिल्ली के अन्य रिसर्च टीम के सदस्य तेजस मेनन सूरी, तमोघना घोष, सौरभ मित्तल, विजय हड्डा और करण मदान थे. टीम ने उन लेखों के लिए मेडलाइन, एम्बेस और स्कोपस डेटाबेस की खोज की, जिनमें स्लीप स्टडी का इस्तेमाल करके सामान्य भारतीय वयस्क आबादी में ओएसए की व्यापकता की जानकारी दी गई थी.

आठ स्टडीज को शामिल किया गया, जिसमें 35.5 से 47.8 वर्ष की औसत आयु वाले 11,009 विषय शामिल थे और रेंडम-इफेट्स मॉडल का इस्तेमाल कर मेटा-एनालिसिस किया गया. इन निष्कर्षों के आधार पर, स्टडी से पता चला कि कामकाजी उम्र के लगभग 104 मिलियन भारतीय ओएसए से पीड़ित हैं, जिनमें से 47 मिलियन में मध्यम से गंभीर ओएसए है.

लेखकों ने कहा, "यह भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसका बीमारी के वैश्विक बोझ पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है." एक सामान्य लेकिन गंभीर चिकित्सीय स्थिति मानी जाने वाली स्लीप एपनिया के कारण व्यक्ति सोते समय सांस लेना बंद कर देता है, जिसके चलते ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान, नींद की गुणवत्ता में कमी और उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी विकार, स्ट्रोक या संज्ञानात्मक विकार जैसी अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं.