Ramsay Hunt Syndrome: जस्टिन बीबर हुए ‘रामसे हंट सिंड्रोम’ के शिकार, जानें इस बीमारी के कारण, लक्षण और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
जस्टिन बीबर (Photo Credits: Instagram)

Ramsay Hunt Syndrome: हॉलीवुड के मशहूर सिंगर जस्टिन बीबर (Justin Bieber) रामसे हंट सिंड्रोम (Ramsay Hunt Syndrome) के शिकार हो गए हैं. अपने इस मेडिकल कंडिशन की आधिकारिक घोषण खुद जस्टिन बीबर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करके दी है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने फैन्स को जानकारी देते हुए कहा कि उनके आधे चेहरे पर पैरालिसिस (Paralysis) हो चुका है. इस खबर के बाद से दुनिया भर से फैन्स उनकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं. पॉप स्टार ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि इस बीमारी के कारण उन्होंने अपने सभी कार्यक्रमों को तत्काल रद्द कर दिया है. विशेषज्ञों की मानें तो रामसे हंट सिंड्रोम तंत्रिका से संबंधित एक बीमारी है, जिससे चेहरे पर चकत्ते निकल जाते हैं और व्यक्ति को लकवा भी मार सकता है. इतना ही नहीं इससे पीड़ित व्यक्ति की सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है. आइए जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और इससे जुड़ी हर जानकारी.

क्या है रामसे हंट सिंड्रोम?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिस वायरस के चलते चिकन पॉक्स होता है, उसी वायरस से रामसे हंट सिंड्रोम नाम की यह बीमारी भी होती है. बताया जाता है कि जब वैरीसेला-जोस्टर वायरस मस्तिष्क के नसों को संक्रमित करता है तो व्यक्ति इस सिंड्रोम से ग्रसित हो जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति के चेहरे और कान के पास चकत्ते आ जाते हैं. रामसे हंट सिंड्रोम वैरीसेला-जोस्टर वायरस के कारण होने वाला एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है. यह वही वायरस है बच्चों में चिकन पॉक्स और हर्पीज ज़ोस्टर का कारण बनता है.

कैसे होती है यह बीमारी?

सामान्य वैरीसेला-जोस्टर वायरस चिकन पॉक्स का कारण बनता है, जिसे बच्चों में सामान्य माना जाता है. अगर किसी को कभी चिकन पॉक्स हुआ है तो शरीर में मौजूद यह वायरस फिर कभी भी एक्टिव हो सकता है और यह दाद का कारण बन सकता है. दाद और चिकन पॉक्स शरीर के जिन हिस्सों को प्रभावित करते हैं, उन हिस्सों में चकत्ते और दाने दिखाई देने लगते हैं. ये दाने चेहरे की नसों और कान में दर्द के अलावा कई समस्याओं का कारण बन सकता है. इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के चेहरे पर लकवा भी मार सकता है.

रामसे हंट सिंड्रोम लक्षण

कुछ मामलों में दाने मुंह में भी दिख सकते हैं. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

  • पीड़ित के आंखों में ड्राईनेस
  • चेहरे पर चकत्ते आना
  • प्रभावित कान में दर्द होना
  • गर्दन में दर्द की शिकायत
  • कान में आवाज आना
  • कान से सुनाई न देना
  • प्रभावित हिस्से वाली आंख बंद न होना
  • चेहरे का एक तरफ लटकना
  • स्वाद में कमी और चक्कर आना

रामसे हंट सिंड्रोम का इलाज

रामसे हंट से पीड़ित व्यक्ति को फौरन डॉक्टर से उपचार कराना चाहिए, क्योंकि जरा सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है. दरअसल, सिंड्रोम को आधिकारिक तौर पर हर्पीज जोस्टर ओटिकस के रूप में जाना जाता है. इसका अधिक सामान्य नाम न्यूरोलॉजिस्ट जेम्स रामसे हंट से आया है, जिन्होंने सबसे पहले बीमारी का वर्णन किया था. रामसे हंट सिंड्रोम को डायग्नोज करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स सिर के एमआरआई और कुछ त्वचा परीक्षण के लिए ब्लड टेस्ट करते हैं.

इलाज के तौर पर रोगियों को एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-वायरल दवाएं दी जाती हैं. इस सिंड्रोम के लिए मार्केट में कई सारी दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टरी सलाह के अनुसार लिया जा सकता है. डॉक्टर मरीज की स्थिति देखकर अलग-अलग तरह की दवाएं सजेस्ट करते हैं. अगर पीड़ित व्यक्ति का इलाज लंबे समय तक नहीं किया जाता तो चेहरे के मसल्स कमजोर हो सकते हैं या पीड़ित की सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है.