COVID-19 Vaccine: भारत को जल्द ही मिलने वाली है एक और वैक्सीन, कोरोना वायरस के खिलाफ होगा पहला डीएनए आधारित टीका
कोरोना वैक्सीन (Photo Credits: Twitter)

COVID-19 Vaccine: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में भारत को हथियार के तौर पर जल्द ही एक और वैक्सीन (Vaccine) मिलने वाली है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि जायडस कैडिला कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) जायकोव-डी (Jaykov-D) के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण जारी है. यह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह भी पढ़ें: COVID-19 के अल्फा वैरियंट से डेल्टा वैरियंट 40 से 60 फीसदी अधिक संक्रामक, लेकिन वैक्सीन भी है असरदार

दुनिया का पहला डीएनए टीका होगा भारत में

मंडाविया ने सदन को बताया कि अगर वैक्सीन सभी परीक्षणों में पास हो जाती है और इसे देश में इस्तेमाल की मंजूरी मिलती है, तो यह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध चौथा टीका होगा.

कंपनियां बढ़ा रही हैं उत्पादन

केन्द्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि देश में टीकाकरण की गति को और तेज करने के लिए भारतीय कंपनियां वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ा रही हैं. उन्होंने राज्यसभा में ‘देश में कोरोना महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां’ विषय पर हुई अल्पकालिक चर्चा के दौरान बताया कि कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के डीएनए आधारित वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.

वैक्सीन की विशेषताएं

डीएनए-प्लाज्मिड आधारित ‘जायकोव-डी’ टीके की तीन खुराकें होंगी. इसे दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है और कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी. इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचाई जा सकेगी. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के तहत नेशनल बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) द्वारा टीके को सहयोग मिला है. यह भी पढ़ें: Norovirus Outbreak: नोरोवायरस क्या है? जानें इसके प्रसार, लक्षण और उपचार के बारे में सबकुछ

कंपनी अगले सप्ताह करेगी आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन

तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण करीब-करीब तैयार है और कंपनी ने सरकार को सूचित किया है कि वह अगले सप्ताह अपने कोविड-रोधी टीके के आपात इस्तेमाल लाइसेंस के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास आवेदन कर सकती है. वयस्कों के साथ 12 से 18 साल के उम्र समूह के किशोरों पर भी इस टीके का परीक्षण किया गया है.