Earbuds Good or Bad: क्या कान साफ़ करने के लिए ईयरबड्स का इस्तेमाल आपको नुक्सान पहुंचा सकता है? जानें क्या कहती हैं विशेषज्ञा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Pixabay)

ईयरबड (Earbuds): अकसर कानों में खुजली अथवा असहजता लगने पर लोग इयर बर्ड से कान में जमी मैल को निकालने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या कान की सफाई के लिए ईयरबड (Earbuds) बेहतर विकल्प है? इस संदर्भ में आये दिन ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती हैं कि ईयरबड से कान की सफाई करते हुए कुछ लोगों ने अपनी सुनने की क्षमता खो दी, कुछ के कान के पर्दे फट गये और वे लंबे समय से कान, नाक, गले (ENT) संबंधित विशेषज्ञों के यहां चक्कर काट रहे हैं. आखिर ईयरबड से कान को क्यों और किस तरह का नुकसान होता है? इस संदर्भ में हमने मुंबई की नाक, कान एवं गले की विशेषज्ञा डॉक्टर सना से बात की. आइये जानते हैं इस संदर्भ में वे क्या कहती हैं.

ईयरबड, रुई अथवा माचिस की तीली इत्यादि से कान से मैल निकालने की प्रक्रिया बहुत कॉमन हो चुकी है. कुछ लोग तो देखा-देखी भी ऐसा करते हैं. मुंबई की ऑडियोलोगिस्ट सुश्री सना ज़ेब (Audiologist Sana Zeb) बताती हैं, कान की सफाई के लिए ईयरबड का इस्तेमाल आपके कान के साथ घातक साबित हो सकता है. दरअसल कान हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होता है. इसकी बनावट अंग्रेजी के एस (S)अक्षर की तरह होती है. आप जब ईयरबड को कान में डालते हैं, तो वह सीधा इयर ड्रम (टिम्पैनिक झिल्ली) जिसे कान का परदा भी कहते हैं, को टच करता है, यह बहुत नाजुक झिल्ली होती है, जरा से प्रेशर से फट भी सकती है, जो आपके कानों के लिए हार्मफुल हो सकती है,आपको बहरा तक बना सकती है, या आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जब आप ईयरबड से कान की सफाई करते हैं तो जाने-अनजाने में ईयरबड से कान में जमे वैक्स को अंदर की ओर धकेलते हैं, जो धूल इत्यादि गंदगी के साथ इकट्ठी होकर ठोस रूप ले लेती है. इससे भी सुनने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए मेरी यही सलाह होगी कि कान की सफाई के लिए ईयरबड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कभी-कभी सस्ते किस्म के ईयरबड की रूई वैक्स में चिपक कर अंदर ही रह जाती है, जिससे फंगस इंफेक्शन होने की संभावना रहती है. यह भी पढ़ें : Banana Flowers: पकवान ही नहीं, सेहत और सौन्दर्य के लिए भी जबरदस्त है केले के फूल

क्या है ईयर वैक्स?

कान की सुरक्षा हेतु हमारा शरीर ही वैक्स का निर्माण करता है, ताकि बाहर की धूल इत्यादि गंदगी हमारे कान में प्रवेश न कर सके, ठीक उसी तरह जैसे नाक के बाल बाहर की हर तरह की गंदगी को रोकते हैं. यह नेचुरल है. डॉक्टर सना बताती हैं, - ईयर वैक्स आपके कानों की त्वचा को चिकनाई भी देता है, इसलिए, जब आप वैक्स निकालते हैं, तो त्वचा शुष्क और खुजलीदार हो जाती है, कान की सुरक्षा के विपरीत होती है, इससे आपके कानों को भी संक्रमण होने का खतरा हो सकता हैं. इसलिए जो चीजें प्रकृति ने हमारे ही अंगों की सुरक्षा के लिए दी है, उसे हटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. अलबत्ता इसकी सफाई जरूरी है. इसके अलग उपाय हैं. यह भी पढ़ें : Health Tips: खाली पेट खाने-पीने की इन चीजों का गलती से भी न करें सेवन, वरना पड़ जाएंगे बीमार

ऐसे करें कान की सफाई

डॉक्टर सना स्पष्ट कहती हैं, यह सच है कि बाहर की धूल-मिट्टी वायु के माध्यम से जब कानों के भीतर निर्मित वैक्स के संपर्क में आती हैं, तो वह गंदगी बनकर इकट्ठी होने लगती है, जिससे कानों में असहजता अथवा खुजली होती है. ऐसी स्थिति में मैं लोगों को यही सुझाव देना चाहूंगी कि वे ईयरबड, माचिस की तीली अथवा किसी भी वस्तु से उसकी सफाई करने का प्रयास नहीं करें. दरअसल सफाई के लिए आपके कान का अपना नेचुरल तरीका होता है. आप जब शॉवर लेते हैं तो आपके कान साफ होते रहते हैं क्योंकि पानी और साबुन आपके कानों में प्रवेश करते हैं जो मैल को ढीला करते हैं. ढीला मैल अपने आप निकल आता है. आप चाहे तो स्नान के बाद किसी पतले कॉटन के टुकड़े को छोटी उंगली में लपेटकर कान के अंदरूनी हिस्से को शालीनता से रगड़कर मैल छुड़ा लें. यदि आप प्रतिदिन स्नान के बाद ऐसा करते हैं तो आपके कान में मैल कभी नहीं जमने पायेगा.