COVID-19: ब्लड में कैसे बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल? रक्त में क्या होती है इसकी भूमिका, जानें स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

कोरोनावायरस कितना घातक है इसका अहसास इसी से किया जा सकता है कि इसका वायरस सीधा व्यक्ति के फेफड़ों और रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है. इससे व्यक्ति के रक्त का ऑक्सीजन लेबल प्रभावित होता है. उसे सांस लेने में कठिनाई होती है. ऐसी स्थिति में रक्त में ऑक्सीजन लेबल को सुचारू रखना पहली जरूरत होती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

COVID-19: कोरोना वायरस (Coronavirus) कितना घातक है इसका अहसास इसी से किया जा सकता है कि इसका वायरस सीधा व्यक्ति के फेफड़ों (Lungs) और रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory System) पर हमला करता है. इससे व्यक्ति के रक्त का ऑक्सीजन लेवल (Oxygen Level) प्रभावित होता है, उसे सांस लेने में कठिनाई होती है. ऐसी स्थिति में रक्त में ऑक्सीजन लेवल को सुचारू रखना पहली जरूरत होती है. मानव शरीर के रक्त में ऑक्सीजन की क्या भूमिका होती है? और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए ऑक्सीजन के लेवल को कैसे बैलेंस रखा जाए. आइये जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ...

क्या है ऑक्सीजन की कमी

गुड़गांव स्थिति मेदांता अस्पताल की एक महिला फीजिशियन बताती हैं, हमारा रक्त शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने और उसे शरीर के प्रत्येक अंगों तक सुचारु रूप से व्यवस्थित करने का कार्य करता है. खून में ऑक्सीजन की कमी को हाइपोक्सेमिया अथवा 'ऑक्सीजन की कमी' कहा जाता है. इससे लंग्स संबंधित विकृतियां मसलन लंग्स कैंसर, न्यूमोनिया, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं, मगर फिलहाल ऐसी स्थिति कोरोना वायरस को आमंत्रित करने के लिए काफी है. रक्त में ऑक्सीजन की कमी से सिर दर्द, सांस फूलने, उलझन महसूस करना, खांसी आना, अथवा पसीना आना जैसे लक्षण दिखते हैं. ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी होने से ह्रदय एवं मस्तिष्क काम करना बंद कर देते हैं. इसी से इसकी घातकता का अहसास किया जा सकता है.

'फोर्टिस अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुंजन के अनुसार खून में आमतौर पर रक्त की सामान्य मात्रा लगभग 97 प्रतिशत होती है. 90 प्रतिशत से कम होने पर मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता जबकि 80 प्रतिशत ऑक्सीजन होने की स्थिति से शरीर के प्रमुख अंगों लंग्स, लीवर, किडनी आदि के खराब होने की संभावना बढ़ती है, जबकि कोरोना संक्रमितों के खून में ऑक्सीजन का स्तर 70 से 50 प्रतिशत तक आ जाता है. यह स्थिति सबसे घातक होती है. यहां तक कि मरीज को वेंटिलेटर पर कृत्रिम ऑक्सीजन से बचाने की मुश्किल कोशिश की जाती है. यह भी पढ़ें: COVID19 Health Update: क्या 15 सेकेंड में कोरोना वायरस का खात्मा कर सकता है आयोडीन सॉल्यूशन, जानें शोधकर्ताओं की राय

ऑक्सीजन की कमी से कैसे बचें

नई दिल्ली स्थित डॉ. जीतेंद्र सिंह के अनुसार फेफड़ों की अहम भूमिका हमारे रक्त में ऑक्सीजन को पहुंचाना होता है. अगर फेफड़े की जांच में COPD अथवा फेफड़े संबंधी कोई विकार उत्पन्न हुआ है तो मरीज को धूम्रपान नहीं करनी चाहिए. धुएं अथवा प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से परहेज करें. नियमित व्यायाम करें. इसके लिए डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज ज्यादा बेहतर होगा.अगर सांस फूलने के कारण व्यायाम नहीं कर पा रहे हैं तो 2-4 किमी पैदल चलें और नियमित योगासन करें. इससे रक्त में ऑक्सीजन का सुचारु रूप से संचार होता है.

ऐसे बढ़ाएं रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा

देश-दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. ऐसे में उन मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो, जिसे फेफड़े, किडनी अथवा ह्रदय संबंधित कोई समस्या हो, अथवा जिसकी उम्र 65 साल से ज्यादा हो. फोर्टिस अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष गुंजन के अनुसार पिछले दिनों ऐसे भी कोरोना पॉजिटिव मरीज देखने को मिले, जिन्हें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन जांच कराने पर कोविड पॉजिटिव पाये गये. ऐसे मरीजों को अपने रक्त में ऑक्सीजन लेवल को लेकर निरंतर सतर्क रहना चाहिए.

अब तो आप भी जान चुके होंगे कि कमजोर फेफड़ों पर कोरोना का आक्रमण तेजी से होता है, जो फेफड़ों को लगातार निष्क्रिय करता है. समय पर उचित इलाज नहीं कराने से यह जानलेवा साबित होता है. ऐसी स्थिति में हमें रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के हर संभव उपचार करने चाहिए.

डॉ गुंजन आगे बताते हैं, जिन लोगों के फेफड़े सुचारु रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं, उन्हें बेड पर सीधा नहीं बल्कि पेट के बल अथवा दायें-बाएं करवटें बदलकर सोना चाहिए, ताकि उनका पेट बिस्तर पर ऊपर की तरफ रहे. इससे फेफड़े सही तरीके से कार्य करते हैं और रक्त में ऑक्सीजन का प्रवाह और प्रसार बेहतर रहता है. यह भी पढ़ें: Dengue Provide Immunity Against COVID-19: डेंगू बन रहा है घातक कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ रक्षा कवच, अध्ययन में हुआ खुलासा

रक्त में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए खानपान के साथ व्यायाम और योग की भी अहम भूमिका होती है. इसके साथ-साथ खानपान से भी रक्त में ऑक्सीजन का बेहतर नियंत्रण रहता है. आर्गेनिक जिलेटिन में कैल्शियम, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है. शतावरी, जलकुंभी, समुद्री शैवाल तथा अंकुरित अनाज भी खून में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते हैं. किशमिश, खजूर, अदरक और गाजर भी रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के अच्छे पर्याय माने गये हैं. ताजे फलों में आम, नींबू, पपीता, तरबूजा अपने विटामिन गुणों के कारण रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढाने में सहायक साबित हो सकते हैं.

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