Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के बीच दुनिया भर में धीरे-धीरे स्कूल (Schools) और शैक्षणिक संस्थान (Educational Institutions) खुलने लगे हैं. ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखना बेहद महत्वपूर्ण है. कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच कनाडा में कोविड-19 परीक्षण (COVID-19 Test) का एक नया गैर-इनवेसिव तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है. जैसा कि देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के नए मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, अधिकारियों ने नियमित रूप से पीसीआर नेजल स्वैब (PCR Nasal Swab) के बजाय छोटे बच्चों के लिए गार्गल एंड स्पिट कोविड-19 टेस्ट (Gargle And Spit COVID-19 Test) की पहल की है. दरअसल, ब्रिटिश कोलंबिया के स्कूलों ने किंडरगार्टेन से 12वीं कक्षा तक के छात्रों पर इन नई टेस्टिंग किट्स को आजमाना शुरू कर दिया है. इस सैंपल कलेक्शन प्रक्रिया को छोटे बच्चों के लिए आसान बनाने के लिए किया गया है.
गार्गल एंड स्पिट टेस्ट कैसे करता है काम?
इस नए टेस्ट के लिए बच्चों को सलायन सॉल्यूशन यानी नमकीन घोल को कुछ समय के लिए मुंह में लेकर गार्गल करने करने के बाद एक छोटे ट्यूब में उसे थूंकने के लिए कहा जाता है. बच्चों को कम से कम 30 सेकेंड तक गार्गल करने की आवश्यकता होती है, ताकि नोवेल कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के लिए पर्याप्त टिशू सैंपल इकट्ठा किए जा सकें. ब्रिटिश कोलंबिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार, गार्गल एंड स्पिट टेस्ट पीसीआर नेजल स्वैब (British Columbia Center for Disease Control) की विधि के समान कारगर है और छोटे बच्चों के लिए अधिक आरामदायक है. यह भी पढ़ें: Health Tips: आप वायरल फीवर से परेशान हैं या फिर कोरोना संक्रमण के कारण हुआ है बुखार? ऐसे पता लगाएं दोनों के बीच का अंतर
टेस्ट के पहले बरती जाने वाली सावधानियां
अधिकारियों के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए कि जो सैंपल लिया गया है वो वैध है, इसके लिए बच्चों के सैंपल लेने से पहले उन्हें कुछ खाने और पीने से परहेज करना चाहिए. यहां तक कि अपने दांतों को ब्रश करने, माउथ वॉश या च्यूईंगम का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. अगर कोई भी बच्चा सही तरीके से गार्गल एंड स्पिट टेस्ट करने में सक्षम नहीं होता है या फिर ऐसा लगता है कि सैंपल गलत है तो वह नेजल स्वैब टेस्ट करा सकता है.
गार्गल एंड स्वैब कोविड-19 टेस्ट के फायदे
कोरोना वायरस संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार के चलते टेस्टिंग साइटों पर अधिक दवाब पड़ने लगा है, इसलिए इसे आसान बनाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल मददगार साबित हो सकता है. इसके साथ ही इससे कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है. अब जब धीरे-धीरे स्कूल खुलने लगे हैं तो गार्गल एंड स्पिट टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस टेस्ट को क्लिनिकल एक्सपर्ट या हेल्थ प्रोफेशनल के बिना भी आसानी से किया जा सकता है.