Coronavirus Re-Infection: ठीक होने के बाद भी व्यक्ति दोबारा हो सकता है कोरोना संक्रमण का शिकार, हांगकांग से सामने आया दुनिया का पहला कंफर्म कोविड-19 री-इन्फेक्शन का मामला
दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच हांगकांग से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां दुनिया का पहला कंफर्म कोविड-19 री-इन्फेक्शन का मामला रिपोर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद एक शख्स में दोबारा इस संक्रमण की पुष्टि हुई है.
Coronavirus Re-Infection: अगर आप सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) से ठीक होने के बाद व्यक्ति को दोबारा कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता है तो यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल, दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Pandemic) के बीच हांगकांग (Hong Kong) से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां दुनिया का पहला कंफर्म कोविड-19 री-इन्फेक्शन (COVID-19 Re-Infection) का मामला रिपोर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद एक शख्स में दोबारा इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दुनिया का पहला ऐसा मामला है जब संक्रमण मुक्त होने के कुछ ही महीने में दोबारा एक व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप से हांगकांग लौटते समय एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान 33 वर्षीय शख्स में दूसरी बार SARS-CoV-2 संक्रमण का पता चला है. हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह पता करने के लिए जीनोमिक अनुक्रम विश्लेषण (Genomic Sequence Analysis) का उपयोग किया. शोधकर्ताओं ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कार्यकर्ता की बॉडी में दोबारा संक्रमण होने के बाद कोई लक्षण विकसित नहीं हुआ, जिससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि उसके भीतर बाद में संक्रमण के लक्षण नजर आ सकते हैं. यह भी पढ़ें: Coronavirus Update: उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत, संक्रमितों के बढ़ रहे हैं मामले
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि SARS-CoV-2 इंसानों की बॉडी में ठीक होने के बाद भी कायम रह सकता है. क्यूक-युंग यूएन (Kwok-Yung Yuen) और उनके सहयोगियों द्वारा अध्ययन की रिपोर्ट क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज पत्रिका में प्रकाशित हुई है. निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि भले ही मरीज इलाज के बाद SARS-CoV-2 से ठीक हो गया हो, लेकिन उसमें आगे चलकर इस वायरस के कारण सर्दी-जुकाम की शिकायत हो सकती है और यह जारी रह सकता है.
हालांकि कुछ मरीजों ने कई हफ्तों तक वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है. उनके संक्रमण के लक्षणों का इलाज होने के बाद भी वैज्ञानिक पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि क्या री-इन्फेक्शन के मामले वायरस के सुस्त निशान, एक संक्रमण का फिर से विस्फोट या नया संक्रमण दर्शाते हैं.
शोधकर्ताओं ने ईमेल में दिए बयान में कहा कि संक्रमण से ठीक होने के बाद कोविड-19 री-इन्फेक्शन का दुनिया का पहला मामला सामने आया है. ब्रिसबेन के क्यूआईएमआर बर्गोफोर्स मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रांसलेशनल और ह्यूमन इम्यूनोलॉजी के प्रमुख कोरी स्मिथ ने कहा कि अगर वे लक्षण नहीं दिखाते हैं तो SARS-CoV-2 से बचे रहने वाले कोविड-19 सर्वाइवर को ढूंढना मुश्किल हो सकता है. उन्होंने दूसरे संक्रमण पर कोई लक्षण नहीं दिखाया. यह संभावना है कि वायरस संक्रमण को स्थापित करने में कामयाब रहा. यह भी पढ़ें: Zydus Cadila ने देश में कोविड-19 ट्रीटमेंट के लिए लॉन्च किया भारत का सबसे सस्ता Remdesivir, प्रति शीशी की कीमत 2,800 रुपए
उन्होंने कहा कि री-इन्फेक्टे़ मरीज अन्य स्वस्थ्य व्यक्तियों में भी कोविड-19 वायरस संक्रमण को फैला सकता है. हालांकि यह विभिन्न व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकती है. दोबारा संक्रमित होने का खतरा व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी निर्भर हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी प्रमुथ मारिया वान केरखोव ने जिनेवा में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते समय कहा कि हांगकांग से सामने आया मामला महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे किसी निष्कर्ष पर नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिययन में समय के साथ बड़ी संख्या में मामलों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है, ताकि ठीक हुए मरीजों में SARS-CoV-2 एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बेहतर तरीके से समझा जा सके.