Hand-Foot-Mouth Disease- क्या है हाथ, पैर और मुंह की बीमारी एचएफएमडी (HFMD)? जानें इसके लक्षण, कारण और निवारण!
Skin (Photo Credit : pixabay)

हाथ पैर और मुंह की बीमारी जिसे संक्षिप्त में एच.एफ.एम.डी. (Hand-Foot-Mouth Disease) कहते हैं, यह एक बेहद संक्रामक बीमारी है. यह एंटरोवायरस जीनस के वायरस की वजह से होता है. एक नजर इस बीमारी के लक्षण, कारण और निवारण पर

इन दिनों एचएफएमडी नामक संक्रामक बीमारी तेजी से लोगों में फैल रही है. हाथ, पैर और मुंह को संक्रमित करने वाला यह संक्रामक रोग हाथों अथवा मल से दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है. यह व्यक्ति की लार, मल या सांस अथवा छींक से निकली बूंदों के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. एचएफएमडी नामक बीमारी मुंह में छाले अथवा घाव एवं पैरों पर दाने के रूप में परिलक्षित होता है. जानकारों के अनुसार इस संक्रामक बीमारी से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर यह बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है. हालांकि यह बहुत घातक बीमारी नहीं है, कुछ लोगों को 5-7 दिनों अपने आप दूर हो जाती है.

क्या है इसके लक्षण

एचएफएमडी के शुरुआती लक्षणों में बुखार और गले में खराश होती है. इसके एक दो दिन बाद मुंह में छाले एवं चकत्ते दिखते हैं. ये दाने आमतौर पर सपाट लाल धब्बे जैसे दिखते हैं, कभी-कभी स्किन कलर से मिक्स होने के कारण धब्बे दिखते नहीं हैं. ऐसे में हथेलियों और पैरों की जांच करनी चाहिए. हथेलियों और पैरों की सतह पर साफ दिखते हैं. इसलिए इसे पहचान पाना आसान होता है. एचएफएमडी वाले अधिकांश बच्चों के मुंह के घाव पीड़ादायक होते हैं. इसके अलावा आप जीभ एवं गले की भी जांच करें. संक्रमित व्यक्ति को कमजोरी और असहजता महसूस होता है.

एचएफएमडी बीमारी के मुख्य कारण

एचएफएमडी अक्सर कॉक्स वायरस के तनाव के कारण होता है. अमूमन कॉक्स साकी वायरस A 161 कॉक्स साकी वायरस एंटरोवायरस नामक वायरस के एक समूह का हिस्सा है. कुछ मामलों में अन्य प्रकार के एंटरोवायरस एचएफएमडी का कारण बनते हैं. ये वायरस आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं. आपको या आपके बच्चे को किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी एचएफएमडी की बीमारी हो सकती है. एचएफएमडी से ग्रस्त मरीजों के लार, फफोले से बहते तरल पदार्थ, सांसों एवं मल के स्पर्श से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है.

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का खतरा किसे है?

इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों को होता है. विशेषकर अगर वे डे केयर में रहते हों अथवा स्कूल जाते हैं, तो एक बच्चे से दूसरे बच्चे तक संक्रमण तेजी से फैल सकता है. अमुक वायरस के संपर्क में आने के बाद रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करते हैं. इसलिए यह बीमारी 10 वर्ष की आयु के बाद बच्चों में कम ही पाई जाती है. लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं कि बड़े बच्चों या अधिक आयु के लोग इस बीमारी से संक्रमित नहीं हो सकते.

क्या है एचएफएमडी का निदान?

कोई भी आम फिजिशियन शारीरिक परीक्षण करके इस बीमारी एचएफएमडी का इलाज कर सकता है. चिकित्सक फफोले और चकत्ते की के लिए मुंह और शरीर की जांच कर सकते हैं. इसके अलावा वह वायरस की जांच के लिए गले में खराश अथवा मल की जांच करवा सकता है. इसके बाद इसके लिए बीमारी का इलाज करना सहज हो जाता है. एमएफडी का 7 से 10 दिनों के उपचार के बाद उसे मुक्ति मिल सकता है.

घरेलू उपचार

* बर्फ के टुकड़े या पॉप्सिकल्स चूसें

* ठंडे पेय पदार्थ का सेवन ज्यादा करें

* ठंडे पेय पदार्थ पीना

* खट्टे फल फलों के जूस और सोडा का कम से कम उपयोग करें

* मसाले या नमकीन भोजन सीमित करना

* गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उससे गरारे करें. इस प्रयोग को दिन में तीन से चार बार करें.