नई दिल्ली, 14 फरवरी : एच5एन1 बर्ड फ्लू चुपचाप जानवरों से कुछ इंसानों तक फैल गया है, खासकर उन लोगों तक जो जानवरों की देखभाल करते हैं. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्ड फ्लू के मामलों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है.
इस अध्ययन में पाया गया कि वेटरनरी डॉक्टरों में कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए उन्होंने इलाज नहीं कराया. इसके विपरीत, मुर्गी पालन से जुड़े मजदूरों में लक्षण दिखाई दिए और उन्होंने इलाज करवाया. अमेरिका पहले से ही बर्ड फ्लू से जूझ रहा है और पिछले साल इस संक्रमण के 68 मामले दर्ज किए गए थे. यह भी पढ़ें : What to Make for Dinner Today: आज खाने में क्या बनाएं? अगर आप इस सवाल से परेशान हैं तो यहां देखें रेसिपी
टेक्सास यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ डॉ. ग्रेगरी ग्रे के अनुसार, यह अध्ययन बताता है कि बर्ड फ्लू के वास्तविक मामलों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकती है. उनका कहना है कि कुछ लोग अपने काम के कारण इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन उनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं उभरते, इसलिए वे डॉक्टर के पास नहीं जाते. शोधकर्ताओं ने बताया कि केवल चिकित्सा केंद्रों के आंकड़ों के आधार पर बर्ड फ्लू के प्रसार को पूरी तरह से समझ पाना मुश्किल है.
इस अध्ययन के लिए, वैज्ञानिकों ने अमेरिका के 46 राज्यों के 150 पशु चिकित्सकों के रक्त परीक्षण किए. इनमें से किसी को भी लाल आंखें या अन्य आम लक्षण नहीं थे, लेकिन जांच में पाया गया कि 2 से 3 प्रतिशत पशु चिकित्सकों के शरीर में एच5एन1 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद थीं. पहले के अध्ययनों में यह भी संकेत मिला है कि कुछ डेयरी फार्म के मजदूरों को बर्ड फ्लू के लक्षण हुए थे, लेकिन उनकी सही जांच नहीं हुई.
चूंकि ये अध्ययन छोटे स्तर पर किए गए थे, इसलिए बर्ड फ्लू से प्रभावित लोगों की सही संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये संख्या सैकड़ों या हजारों तक हो सकती है. ग्रे ने कहा कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन यदि यह वायरस बदले या इसमें कोई नया म्यूटेशन आए, तो यह गंभीर बीमारी फैला सकता है और तेजी से फैल सकता है. ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता जैकलीन नोल्टिंग के अनुसार, इस पर नजर रखना जरूरी है.













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