Ganesh Chaturthi 2019: चारों और गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं, हर जगह पांडाल सजाए जा रहे हैं. चारों और हर्षोल्लास है, सभी बाप्पा के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मुंबई-महाराष्ट्र में गणेशोत्सव बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दौरान रात दिन बाप्पा के दर्शन के लिए लम्बी लाइनें लगी होती है. दूर-दूर से लोग गणेश चतुर्थी देखने के लिए मुंबई आते हैं. वैसे तो मुंबई गणेशोत्सव मनाने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है लेकिन, उससे भी ज्यादा प्रसिद्ध है लाल बाद के राजा. जी हां हर साल लोग उनके दर्शन का इंतजार करते हैं, उनकी एक झलक पाने के लिए कई-दिनों तक लंबी लाइन में लगते हैं. लाल बाग़ के राजा की बड़ी मान्यता है. इनके दर्शन के लिए लोग देश विदेश यहां तक की फ़िल्मी सितारें भी आते हैं. मान्यताएं है कि, सच्चे मन से बाप्पा से जो भी मांगते है उनकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं. लाल बाग़ के राजा की स्थापना 1934 से की जा रही है, इस बार उनकी स्थापना का 86 साल है.
लाल बाग़ के गणपति की जो प्रतिमा है वो बहुत अप्रतिम है. इनके जैसी प्रतिमा और कहीं नहीं स्थापित की जाती है और बिना परमिशन के कोई बना भी नहीं सकता है. इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ यानी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला के रूप में भी जाना जाता है, इसलिए तो इनके दर्शन के लिए लोगों की लालसा और बढ़ जाती है. किसी भी तरह लोग बस बाप्पा के दर्शन चाहते हैं. हर वर्ष यहां करीबन 5 किलो मीटर लंबी कतार लगती है, केवल बाप्पा के दर्शन पाने के लिए. इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को है. लोग लाल बाग़ के राजा के पहले दर्शन के लिए अभी से उतावले हो रहे हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी भक्त हैं जो मज़बूरी की वजह से उनके दर्शन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में उन लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको दिखाएंगे लाल बाग़ के राजा का फर्स्ट लुक और वो भी लाइव.
देखें लाल बाग़ के राजा के फर्स्ट लुक का लाइव वीडियो:
लाल बाग़ के राजा के जो दर्शन कर लेता है, वो अपने आपको बहुत भाग्यशाली समझता है. इनकी पॉप्युलैरिटी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, हर साल उन्हें चढ़ावे में20-से 25 करोड़ रूपये चढ़ते हैं. लाल बाग़ के राजा मंडल ने अब तक नगदी और सोना 20 करोड़ का दान इकठ्ठा करने का रिकॉर्ड दर्ज किया है. ये आंकडें साल 2010 से 2011 के हैं जब सोने की कीमत सबसे ज्यादा थी.
बता दें कि लाल बाग़ के राजा की स्थापना 10 दिन तक की जाती है, ग्यारहवें दिन धूम-धाम से गाजे बाजे के साथ मुंबई के गिरगांव चौपाटी में उनका विसर्जन कर दिया जाता है.