इन चीजों को खाने से बुढ़ापे में भी आपकी याददाश्त बनी रहेगी दमदार
एक शोध में खुलासा हुआ है कि जो पुरुष हरी पत्तेदार सब्जियां, गहरे नारंगी और लाल रंग वाली सब्जियां, बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी) का सेवन करते हैं और संतरे का जूस पीते हैं, उनके बुढ़ापे में याददाश्त खोने का खतरा कम हो जाता है.
न्यूयार्क: खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल (Lifestyle) हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को काफी हद तक प्रभावित करती है. इससे बढ़ती उम्र के साथ-साथ याददाश्त कम (Memory Loss) होने की समस्या बढ़ने लगती है, लेकिन संतुलित जीवनशैली की मदद से बढ़ती उम्र में याददाश्त से जुड़ी समस्याओं के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. हाल ही में हुए एक शोध में खुलासा हुआ है कि जो पुरुष हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Leafy Vegetables), गहरे नारंगी और लाल रंग वाली सब्जियां, बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी) (Berries) का सेवन करते हैं और संतरे का जूस पीते हैं, उनके बुढ़ापे में याददाश्त (Memory) खोने का खतरा कम हो जाता है.
इस शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि जो पुरुष बुढ़ापे से 20 साल पहले ज्यादा मात्रा में फल और सब्जियां खाते हैं, उनमें सोच और याददाश्त से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं, चाहे वे बाद में अधिक मात्रा में फल और सब्जियां खाएं या नहीं. जो पुरुष अधिक सब्जियों का सेवन करते हैं उनमें कमजोर सोच कौशल विकसित होने की संभावना उन पुरुषों की तुलना में 34 फीसदी कम होती है, जो कम मात्रा में सब्जियों का सेवन करते हैं.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो पुरुष रोजाना संतरे का जूस पीते हैं उनमें कमजोर सोच कौशल विकसित होने की संभावना उन पुरुषों की तुलना में 47 फीसदी कम होती है, जो महीने में कम से कम एक बार भी संतरे के जूस का सेवन नहीं करते हैं. यह भी पढ़ें: हफ्ते में सिर्फ ढाई घंटे करें व्यायाम, दूर होगा अल्जाइमर का खतरा
हावर्ड यूनिवर्सिटी के बोस्टन स्थित टी. एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के चांगझेंग यूआन ने कहा, "इस शोध की सबसे खास बात यह थी कि हमने प्रतिभागियों का 20 साल की अवधि तक अध्ययन किया. हमारे शोध से इस संबंध में और पुख्ता सबूत सामने आए हैं कि दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए सही खानपान महत्वपूर्ण है." इस शोध की रिपोर्ट को न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया है.
यह शोध कुल 27,842 पुरुषों पर किया गया, जिनकी औसत उम्र 51 साल थी. इनमें 55 फीसदी प्रतिभागियों की अच्छी याददाश्य देखी गई, जबकि 38 फीसदी की ठीकठाक याददाश्त थी और केवल 7 फीसदी प्रतिभागियों की याददाश्त कमजोर थी.