कीमतों में स्थिरता की वजह से लग्जरी घरों की मांग बढ़ रही है. संपत्ति सलाहकार एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल के दौरान बिक नहीं पाए लग्जरी फ्लैटों का स्टॉक 12 प्रतिशत घट गया है. इन फ्लैटों की कीमत डेढ़ से ढाई करोड़ रुपये के बीच है. पिछले कुछ साल के दौरान देश के आवासीय रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती की वजह से उच्च संपदा वाले लोग (एचएनआई) लग्जरी फ्लैटों के बजाय रीयल एस्टेट के बाहर अन्य क्षेत्रों में निवेश कर रहे थे.
एनारॉक के चेयरमेन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘हमारे ताजा अध्ययन से संकेत मिलता है कि एचएनआई अब लग्जरी आवासीय खंड में सुस्ती का लाभ उठा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि कीमतों में स्थिरता तथा नकदी संकट से जूझ रहे बिल्डरों द्वारा आकर्षक पेशकशों की वजह से लग्जरी आवास खंड में मांग सुधर रही है. पुरी ने कहा कि 2019 की पहली तिमाही में डेढ़ से ढाई करोड़ रुपये के बिना बिके फ्लैटों का आंकड़ा घटकर 42,650 इकाई रह गया जो 2018 की पहली तिमाही में 48,300 इकाई था.
मार्च तिमाही के अंत तक मुंबई महानगर क्षेत्र में बिना बिके लग्जरी फ्लैटों की संख्या सबसे अधिक 23,930 इकाई थी. वहीं कोलकाता में यह आंकड़ा सबसे कम यानी 770 इकाई था. बेंगलुरु में एक साल में बिना बिके लग्जरी फ्लैटों की संख्या 49 प्रतिशत घटकर 3,260 इकाई रह गई है जो एक मार्च, 2018 तक 6,370 इकाई थी. इसी तरह कोलकाता में लग्जरी फ्लैटों का स्टॉक 37 प्रतिशत, चेन्नई में 50 प्रतिशत और हैदराबाद में 10 प्रतिशत घटा है.