Yashoda Jayanti 2023 Wishes in Hindi: भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) से जुड़ी इस प्रचलित कथा को तो अधिकांश लोग जानते हैं कि द्वापर युग में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार श्रीकृष्ण (Shri Krishna) का जन्म माता देवकी के गर्भ से हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण मैया यशोदा (Mata Yashoda) ने किया था. मैया यशोदा ने माता बनकर श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया, इसलिए उन्हें जन्म देने वाली मां से भी बड़ा स्थान प्राप्त है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है और माता यशोदा का पूजन किया जाता है. इस साल यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti) का पर्व 12 फरवरी 2023 को मनाया जा रहा है. मैया यशोदा जयंती पर इस्कॉन सहित भगवान श्रीकृष्ण के तमाम मंदिरों में उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.
यशोदा जयंती के दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और सफल जीवन की कामना से व्रत करती हैं. इसके साथ ही इस दिन विधि-विधान से मैया यशोदा और कान्हा की पूजा की जाती है. इस अवसर पर शुभकामना संदेश भी भेजे जाते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, फोटोज के जरिए यशोदा जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर मां और पुत्र का पवित्र प्रेम बना रहे,
यशोदा जयंती पर यही है मंगल कामना...
यशोदा जयंती की शुभकामनाएं
2- यशोदा मैया का लाल,
बड़ा चंचल बड़ा सताए,
पर सबके मन को भाए,
कान्हा बंसी सुरीली बजाएं.
यशोदा जयंती की शुभकामनाएं
3- कोई कह दो जाकर यशोदा से,
कान्हा बड़ा ही सताने लगे हैं,
श्याम माखन चुराते-चुराते,
अब दिल भी चुराने लगे हैं...
यशोदा जयंती की शुभकामनाएं
4- मथ के कैसा माखन खिलायो मैया यशोदा,
आपका नंद गोपाल बड़ा नटखट है,
मटकी फोड़ के सताए, बंसी बजा के रिझाए,
आपके कान्हा को देखे बिना चैन ना आए.
यशोदा जयंती की शुभकामनाएं
5- माटी खाता कृष्ण को देखकर,
यशोदा मैया ने मुख खुलवाया,
सूर्य चंद्र तारे ग्रह नक्षत्र देखकर
विस्मय हुईं फिर बालक पर प्रेम आया.
यशोदा जयंती की शुभकामनाएं
यशोदा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर माता यशोदा और श्रीकृष्ण का ध्यान करना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा के स्थान पर एक चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण को गोद में लिए हुए मैया यशोदा की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए, फिर धूप, दीप, पुष्प, लाल चुनरी अर्पित करते हुए, कान्हा को माखन-मिश्री का भोग अर्पित करना चाहिए. पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जप करने के बाद आखिर में माता यशोदा और श्रीकृष्ण की आरती कर पूजा संपन्न करनी चाहिए.