Vinayaka Chaturthi 2021: भगवान गणेश (Lord Ganesha) को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले भगवान शिव और माता पार्वती के लाड़ले पुत्र गणपति जी की पूजा की जाती है. गणेश जी को चतुर्थी तिथि अत्यंत प्रिय है और हिंदू पंचांग के अनुसार, यह तिथि हर महीने में दो बार आती है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. आज (16 अप्रैल 2021) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है. इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय का समय और महत्व.
विनायक चतुर्थी 2021
चैत्र शुक्ल चतुर्थी- 16 अप्रैल 2021 (शुक्रवार)
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 15 अप्रैल दोपहर 03:27 बजे से,
चतुर्थी तिथि समाप्त- 16 अप्रैल दोपहर 06:05 बजे तक.
चंद्रोदय का समय- रात 08:26 बजे.
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए.
- गणेश जी की पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
- धूप-दीप प्रज्जवलित करते हुए गणेश जी को दूर्वा, रोली, अक्षत, सिंदूर इत्यादि अर्पित करें.
- पूजन के दौरान भगवान गणेश को लड्डू या मोदक का भोग जरूर लगाएं.
- विनायक चतुर्थी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें, फिर पूजा के बाद आरती उतारें.
- इसके बाद शाम को चंद्रोदय होने पर चंद्र दर्शन के बाद अपना व्रत खोलें. यह भी पढ़ें: Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2021 HD Images: हैप्पी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी! गणेश भक्तों को भेजें ये WhatsApp Stickers, Greetings, GIFs और Wallpapers
विनायक चतुर्थी का महत्व
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व बताया जाता है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, इसलिए इस दिन उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रखने वालों को चंद्रदर्शन जरूर करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. विनायक चतुर्थी के व्रत और भगवान गणेश के पूजन से भक्तों के जीवन से सारे संकट दूर होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.