Vinayak Chaturthi 2023: विशेष योगों के संयोग एवं गणेश जी के शक्तिशाली मंत्रों के साथ करें पूजा! होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी!
सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है. यही वजह है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व गणेश जी की पूजा आवश्यक रूप से की जाती है. ऐसा करने से कार्य सफलता के साथ पूरा होता है.
Maghi Ganesh Jayanti 2023: सनातन धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रथम पूज्य देवता माना गया है. यही वजह है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान से पूर्व गणेश जी की पूजा आवश्यक रूप से की जाती है. ऐसा करने से कार्य सफलता के साथ पूरा होता है. हिंदी पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 24 जनवरी से शुरू होकर 25 जनवरी 2023 तक रहेगी. चूंकि तिल अर्पित करने का यह अंतिम व्रत एवं पर्व है, इसलिए इसे तिलकुंद चतुर्थी (Tilkund Chaturthi) के नाम से भी जाना जाता है. आइये जानें माघ चतुर्थी के बारे में विस्तार से…
इस वजह से माघी चतुर्थी का विशेष महत्व बन रहा है
इस बार माघ चतुर्थी को लेकर ज्योतिषाचार्यों में विशेष उत्साह है, क्योंकि इस दिन पद्म योग एवं रवि योग का निर्माण हो रहा है, साथ ही भगवान गणेश को समर्पित दिन बुधवार को गणेश चतुर्थी पड़ रही है. ज्योतिषाचार्य पंडित रवींद्र पांडेय के अनुसार इन ग्रह योगों के शुभ संयोग में प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की पूजा एवं उन्हें तिल के लड्डुओं का भोग लगाने से सारे मानसिक एवं शारीरिक कष्ट दूर होते हैं साथ ही सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. तिलोत्सव का अंतिम व्रत होने के कारण इस दिन तिल का दान करना बहुत पुण्य दायक होता है.
माघी गणेश चतुर्थी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त
चतुर्थी प्रारंभः 03.22 PM (24 जनवरी 2023, मंगलवार)
चतुर्थी समाप्तः 12.34 PM (25 जनवरी 2023, बुधवार)
उदयतिथि के अनुसार माघ गणेश चतुर्थी का व्रत एवं पूजा 25 जनवरी 2023 दिन बुधवार को पूजा की जायेगी. यह भी पढ़ें: Maghi Ganesh Jayanti 2023 Wishes: माघी गणेश जयंती की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. अब गणेश जी का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. बेहतर होगा अगर पूजा के लिए लाल रंग का वस्त्र धारण करें. अब एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. धूप-दीप प्रज्वलित करें. दूर्वा की 21 गांठे अर्पित करने के साथ लाल पुष्प, सिंदूर, रोली, एवं मौली अर्पित करें. प्रसाद में मौसमी फल, तिल-गुड़ के लड्डू अर्पित करें. ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन गणेश जी की पूजा करते समय इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप करते हुए गणेश जी को पंचामृत से स्नान करायें.
'ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा'
'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'
ज्योतिषियों के अनुसार उपरोक्त शक्तिशाली मंत्रों के जाप से धन की समस्या दूर होती है, बिगड़े हुए काम बनते जाते हैं, दाम्पत्य जीवन में चल रहे खटास दूर होते हैं. इसके पश्चात गणेश जी की आरती उतारें. इसके पश्चात सूर्यास्त से पूर्व भी गणेश जी की पूजा करें. इस दिन चंद्रमा की पूजा प्रतिबंधित मानी गई है.