Vijay Diwas 2019: आज विजय दिवस (Vijay Diwas) है, जो साल 1971 की जंग में पाकिस्तान (Pakistan) पर भारत (India) की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है. जी हां, आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान को हराकर इतिहास रचा था. यह वही दिन है जब भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी और 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. इस जंग में भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था, बल्कि भारत की बदौलत ही दुनिया के नक्शे पर एक नए देश का जन्म हुआ, जिसे बांग्लादेश (Bangladesh) के नाम से जाना जाता है. बता दें कि साल 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे.
दरअसल, भारत से विभाजित होकर जब पाकिस्तान का गठन हुआ था, उसके कुछ साल बाद से ही पूर्वी पाकिस्तान में विरोध की आवाजें बुलंद होने लगी थीं. पश्चिमी पाकिस्तान (पाकिस्तान) के आकाओं द्वारा बार-बार पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के साथ दोयम दर्जे के व्यवहार के चलते यहां आक्रोश भड़क उठा और गृह युद्ध के हालात बनने लगे. चलिए विजय दिवस के इस खास अवसर पर जानते हैं कि किस तरह से भारतीय जवानों की जाबांजी के चलते भारत ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और कैसे बांग्लादेश का जन्म हुआ?
ऐसे हुई 1971 में भारत-पाक युद्ध की शुरुआत
साल 1971 की लड़ाई की पृष्ठभूमि साल के शुरुआत से ही बनने लगी थी. बताया जाता है कि पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया खां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया और अपनी जान बचाने के लिए कई शरणार्थी लगातार भारत आने लगे. जब भारत में पाकिस्तानी सेना के दुर्व्यवहार की खबरें आईं तो भारत पर दबाव पड़ने लगा कि वह अपनी सेना के जरिए इसमें हस्तक्षेप करे.
3 दिसंबर 1971 को कलकत्ता में इंदिरा गांधी एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं. उसी शाम पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ कर पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर और आगरा इत्यादि सैनिक हवाई अड्डों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. जिसके बाद इंदिरा गांधी ने फौरन मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई और भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग का ऐलान किया.
पाकिस्तान पर भारत की जीत का प्रतीक विजय दिवस
This day in 1971 India defeated Pakistan & created a new nation... Yes, new Nation💪🤗Bangladesh.
Heartfelt salute to bravehearts of Indian Armed Forces who forced 93,000 Paki soldiers to surrender.
Long Live Glory of our Soldiers💪
Cheers 🥂 Jai Hind 🇮🇳 #VijayDiwas pic.twitter.com/T3aY00e84t
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) December 16, 2019
13 दिन तक चली भारत-पाक के बीच लड़ाई
भारत-पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 के दिन युद्ध का आगाज हुआ था, जो 16 दिसंबर 1971 को खत्म हुआ. इस लड़ाई में भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान को उसके दुस्साहस का सबक सिखाया, बल्कि उसे पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों की कीमत भी चुकानी पड़ी. 13 दिन तक चले इस युद्ध में आखिरकार पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े और पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह भी पढ़ें: Kargil Vijay Divas: 1999 में करगिल युद्ध के दौरान जंग के मैदान में पहुंचे थे पीएम मोदी, शेयर की लड़ाई के दौरान की तस्वीरें
दरअसल, इस युद्ध में पाकिस्तान के लिए मुश्किल ये थी कि उसे दो मोर्चों पर लड़ाई करनी पड़ी, क्योंकि उसके एक तरफ भारत और दूसरी तरफ पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) था. आखिरकार पाकिस्तान सेना भारतीय सेना के सामने 13 दिन से ज्यादा टिक नहीं पाई और अपनी हार को स्वीकार करते हुए 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया.
गौरतलब है कि 1971 की लड़ाई को इतिहास की सबसे कम दिनों तक चलनेवाली लड़ाइयों में से एक माना जाता है और आधुनिक सैन्य काल में बड़े पैमाने पर किसी फौज के आत्मसमर्पण का यह पहला मामला था, जब पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने घुटने टेक दिए थे. भारतीय सैनिकों की जाबांजी और दिलेरी के कारण ही भारत द्वारा पाकिस्तान को युद्ध में हार का मुंह देखना पड़ा और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश नाम के नए देश का जन्म हुआ.