Varalaxmi Vrat 2020: धन वृद्धि और समृद्धि के लिए किया जाता है वरलक्ष्मी व्रत, जानें महत्त्व और पूजाविधि
मां लक्ष्मी (Photo Credit: File Image)

Varalaxmi Vrat 2020: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज यानी शुक्रवार 31 जुलाई को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है. आज वरलक्ष्मी का व्रत (Varalakshmi Vrat) है. माता वरलक्ष्मी वरदान देने वाली और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली देवी माना जाता है. इसलिए उनका नाम वरलक्ष्मी पड़ा है. माता वरलक्ष्मी मां महालक्ष्मी का ही एक स्वरूप हैं. माता वरलक्ष्मी समस्त कामनाओं की पूति करती हैं और अपने भक्तों को वर देती हैं. आज के दिन माता वरलक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति पर उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है. वरलक्ष्मी व्रत के मौके पर आइए जानते हैं कि आइए आपको बताते हैं वरलक्ष्‍मी व्रत का महत्‍व और इससे जुड़ी मान्यताएं.

हिंदू धर्म में वरलक्ष्‍मी व्रत को बहुत ही खास माना गया है. इस दिन भक्त मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए संपूर्ण विधिविधान के साथ उनकी पूजा करते हैं. इस व्रत को रखने से परिवार की दरिद्रता खत्‍म होती है और घर घर में धनवृद्धि होती है. इस दिन व्रत करने वाले को सुबह जल्‍दी जागकर स्‍नान कर लेना चाहिए. घर की साफ-सफाई और पूजास्‍थल को गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत का संकल्‍प लें. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2020 Mehndi Designs: रक्षा बंधन पर अपनी हथेली में मेंहदी लगाकर बढाएं इस पर्व की शुभता, देखें लेटेस्ट और आकर्षक मेहंदी डिजाइन्स (Watch Pics & Videos) 

मां लक्ष्मी की मूर्ति को नए कपड़ों और श्रृंगार आदि से सजाएं. गणपति जी की मूर्ति को भी स्नान करा कर मां लक्ष्मी की मूर्ति को पूर्व दिशा में स्थित करें. पूजा का पूरा सामान मां लक्ष्मी और गणपति जी के सामने रखें और शांत मन से पूजा करनी करें. इस व्रत में वरलक्ष्‍मी व्रत की कथा अवश्य पढ़ें और कथा के समापन के बाद प्रसाद बांटे.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वरलक्ष्मी व्रत का महत्व दीपावली की पूजा के समान ही होता है. इस दिन माता वरलक्ष्मी और विघ्नहर्ता श्री गणेश की आराधना से कल्याण होता है. माता वरलक्ष्मी दरिद्रता का नाश कर समृद्धि प्रदान करती है और भगवान गणपति सभी कार्यों को सफल बनाते हैं.