Utpanna Ekadashi 2019: नारद पुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की ग्यारहवीं तिथि के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के प्रताप से माता एकादशी प्रकट हुई थीं, एइसलिए इस दिन उत्पन्ना एकादशी कहते हैं. अलग-अलग जगहों पर इन्हें 'उत्पत्तिका', 'उत्पन्ना', 'प्राकट्य' और 'वैतरणी' एकादशी (Ekadashi) भी कहा जाता है. पद्म पुराण में उल्लेखित है कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस एकादशी की उत्पत्ति और इसके महत्व के बारे में बताते हुए कहा था कि साल की 24 एकादशियों में उत्पन्ना एकादशी सबसे प्रधान एवं सर्वसिद्धी देनेवाली एकादशी है.
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर को है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अलावा भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा-अनुष्ठान की जाती है. कहते हैं कि आज के दिन जातक मन से श्री हरि की पूजा करता है तो उसके सारे कष्ट दूर कट जाते हैं. उसकी जिंदगी में सुख-शांति-समृद्धि आती है.
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एकादशी के दिन इन बातों का ख्याल रखें तो होगी लक्ष्मी की विशेष कृपा
* उपवास के दिन जब भी वक्त मिले भगवद्गीता का पाठ अवश्य करें.
* श्रीहरि की पूजा में पीले फूल, पीले रंग की मिठाई एवं पीले चंदन का इस्तेमाल अवश्य करें.
* श्रीहरि की प्रतिमा के सामने चटाई बिछाकर बैठें और ओम नमो भगवते वासुदेवाय का 108 बार जाप करें.
* इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा अवश्य करें
* एकादशी के दिन किसी विष्णु मंदिर में जाकर पुष्प माला अवश्य अर्पित करें.
* एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते वाली केसर की खीर का भोग लगाएं.
* एकादशी की सुबह पीपल के पेड़ की पूजा करें. पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं और घी का दीपक जलाकर वापस लौट आयें.
* एकादशी के दिन सुहागन स्त्रियों को घर पर दावत दें. उन्हें फलाहार करायें और सुहाग सामग्री दान करें.
* एकादशी के दिन तुलसी पूजा अति लाभकारी होती है. तुलसी के पेड़ के सामने घी का दीपक जलाएं और आरती गायें.
* एकादशी के दिन तुलसी पूजा के साथ ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
* इस दिन पीले रंग के कपड़े, और पीले रंग की वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है.
* द्वाद्वशी के दिन प्रातःकाल पारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जो भी खाएं, उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य डालें.
* एकादशी के एक दिन पूर्व ना किसी तरह के तामसी भोजन का सेवन करें और ना ही भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
* उपवास के दौरान मन में केवल श्रीहरि का ध्यान करें, तथा किसी का अपमान या निंदा न करें.
* एकादशी के दिन चावल का सेवन बिलकुल नहीं करें.