Eid Moon Sighting In India Update: भारत में आज शव्वाल का चांद देखने की होगी कोशिश, नजर आने पर देशभर में 10 अप्रैल को मनाई जाएगी खुशियों की ईद
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Eid Moon Sighting In India Update: ईद का चांद का लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है. लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत समेत खाड़ी देशों में सोमवार को ईद का चांद देखने की कोशिश की गई. लेकिन चांद नहीं आया. जिसके बाद ऐलान हुआ कि खाड़ी देशों में बुधवार 10 अप्रैल को ईद की नमाज पढ़ी जाएगी. वहीं भारत में कल ईद का त्योहार मनाया जायेगा यानी आज देशभर में शव्वाल का चांद देखने की कोशिश होगी.

भारत में ईद 10 अप्रैल या 11 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस के चांद को लेकर ही ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि "...अगर आज यानी मंगलबार को चांद नजर आ जाता है तो ईद-उल-फितर कल 10 अप्रैल को मनाई जाएगी. नहीं तो 11 अप्रैल को पूरे देश में ईद-उल-फितर मनाई जाएगी. भारत में आज मंगवार  सूरज डूबने के बाद ईद का चांद देखने की कोशिश होगी. ईद का चांद दिखा तो बुधवार को ईद-उल-फितर  की नमाज अदा करने को लेकर ऐलान होगा. यह भी पढ़े: Jamat-ul-Wida2024: रमजान में क्यों खास होता है अलविदा जुम्मा? जानें इस्लाम धर्म में जमात-उल-विदा का महत्व!

 चांद नजर आने पर ईदगाहो-मस्जिदों में पढ़ी जाती है नमाज:

ईद का चांद यानी रोजा ख़त्म होने के बाद ईद की नमाज पढ़ी जाती है. ईद की नमाज को लेकर पूरी दुनिया में इस्लामधर्म के मानने वाले लोगों को बड़े ही बेसब्री से इंतजार होता है. क्योंकि ईद यानी खुशियों की त्योहार हैं. इस त्योहार पर लोग ईदगाहों और मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ते हैं. इसके बाद एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं. लोग एक दूसरे के घर सेवइयां भी पीने जाते हैं.

रमजान के पाक महीने का महत्व

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पाक और पवित्र माना जाता है. इस महीने को अल्लाह की रहमत का महीना भी कहा जाता है. रमजान महीने में हर मुसलमान रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के पाक माह को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण अशरा ऐतफाक को माना जाता है. यह अशरा रमजान के अंतिम दिनों में 21वें दिन से 29वें या 30वें दिन तक चलता है. रमजान का महिना का ये तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए पूरे रमजान के महीने में अपना सबसे ज्यादा महत्व रखता है.