Subho Maha Ashtami 2021 HD Images: सुभो महा अष्टमी! अपनों संग शेयर करें मां दुर्गा के ये Photos, WhatsApp Stickers, GIF Greetings और वॉलपेपर्स
सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)

Subho Maha Ashtami 2021 HD Images: मां दुर्गा (Maa Durga) की भक्ति और उपासना के पावन पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की पूरे देश में धूम मची है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा और असम जैसे राज्यों में दुर्गा पूजा (Durga Puja) उत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर से हुई है, जबकि दुर्गा पूजा का आगाज 11 अक्टूबर से हुआ है और समापन 15 अक्टूबर को विजया दशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे (Dussehra) के साथ होगा. दुर्गा पूजा और शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन यानी अष्टमी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता ह और यह तिथि इस साल 13 अक्टूबर (बुधवार) को पड़ रही है. इस साल चतुर्थी तिथि का क्षय होने के कारण शारदीय नवरात्रि सिर्फ 8 दिन की है, इसलिए 13 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखना उत्तम माना जा रहा है.

शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की उपासना की जाती है. इसके साथ ही इस दिन कई लोग नवरात्रि हवन और कन्या पूजन भी करते हैं. इसके अलावा बंगाली समुदाय के लोग देवी दुर्गा को अपनी विशेष प्रार्थना अंजलि अर्पित करते हैं. इस अवसर पर आप अपनों संग मां दुर्गा के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, फोटोज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को शेयर कर सुभो महा अष्टमी कह सकते हैं.

1- सुभो महा अष्टमी

सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- हैप्पी महा अष्टमी

सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- महा अष्टमी 2021

सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी दुर्गाष्टमी

सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- दुर्गा अष्टमी 2021

सुभो महा अष्टमी 2021 (Photo Credits: File Image)
दुर्गा पूजा और शारदीय नवरात्रि से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने दुष्ट असुर महिषासुर से लगातार नौ दिनों तक युद्ध किया था और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर संसार को उसके आतंक से मुक्त किया था. इसी वजह से यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और उनके नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है. विजया दशमी यानी दशहरे के साथ इस पर्व का समापन होता है. इसलिए इस पर्व को बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है.