Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Wishes in Hindi: तिथि के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhtrapati Shivaji Maharaj Jayanti) 12 मार्च को मनाई जा रही है. मराठा साम्राज्य के महान शासक (Maratha Emperor) और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की जयंती को वैसे तो पूरे देश में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस उत्सव की धूम देखते ही बनती है. छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव को शिवाजी जयंती और शिव जयंती (Shiv Jayanti) के नाम से जाना जाता है. शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) एक ऐसे वीर योद्धा थे, जिन्होंने गोरिल्ला युद्ध नीति को जन्म दिया था और युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल भी किया था. उनकी माता जीजाबाई ने देवी शिवाई के नाम पर ही उनका नामकरण किया था.
छत्रपति शिवाजी महाराज जंयती के खास अवसर पर आप उनके महान विचारों को वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के जरिए भेजकर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं. शिवाजी के महान विचार आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं. यह भी पढ़ें: Shiv Jayanti 2020 Wishes: इन प्रेरणादायी हिंदी कोट्स, Hike Stickers, Facebook Greetings, GIF Images और WhatsApp Status के जरिए अपनों को दें शिव जयंती की शुभकामनाएं
1- जब आप अपने लक्ष्य को तन-मन से चाहोगे तो मां भवानी की कृपा से जीत आपकी ही होगी.
2- जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच स्वराज्य को चुनता है, वही एक सच्चा नागरिक होता है.
3- शत्रु को कमजोर नहीं समझना चाहिए और ना ही बलवान, जो वो आपके साथ कर रहा है उस पर ही ध्यान देना चाहिए.
4- अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला पूरे विश्व पर राज कर सकता है.
5- यद्धपि सबके हाथ में एक तलवार होती है, लेकिन वो ही साम्राज्य स्थापित करता है जिसमें इच्छाशक्ति होती है.
शिव जयंती की शुभकामनाएं
हैप्पी शिवाजी महाराज जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम शिवाजी भोसले था. शिवाजी का जन्म पुणे के पास स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. छत्रपति शिवाजी, राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक और परिचारक थे. वे नौसेना की अहमियत को बखूबी समझते थे, इसलिए उन्होंने सिंधुगढ़ और विजयदुर्ग में नौसेना के किले तैयार किए थे. इतना ही नहीं उन्होंने सैनिकों की तादात 2 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी थी.