Shani Jayanti 2022 Wishes in Hindi: इस साल शनि जयंती (Shani Jayanti) का त्योहार 30 मई 2022 को मनाया जा रहा है. यह शनि अमावस्या बेहद खास है, क्योंकि इसी दिन सोमवती अमावस्या भी है. शनि जयंती और सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के संयोग को बहुत दुर्लभ माना जाता है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तमाम शनि मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव को कर्मफल दाता माना जाता है, जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. कहा जाता है कि जब शनिदेव किसी से नाराज हो जाते हैं तो उसे कठोर दंड देते हैं और जब किसी पर उनकी कृपा होती है तो वो उसे रंक से राजा भी बना देते हैं.
शनिदोष से मुक्ति पाने या फिर रुष्ट शनिदेव को मनाने के लिए शनि जयंती को बेहद खास माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपायों से शनिदेव अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं. ऐसे में शनि जयंती के पावन अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. इस खास अवसर पर आप भी इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स और कोट्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हे श्यामवर्ण वाले, हे नीलकंठ वाले,
कालाग्नि रूप वाले, हल्के शरीर वाले,
स्वीकारो नमन हमारे, शनिदेव हम हैं तुम्हारे,
सच्चे सुकर्म वाले हैं, बसते हो मन में तुम ही हमारे.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
2- हे शनि तुम हो सबसे बेमिसाल,
तुमसे आंख मिलाए किसकी है मजाल,
सूर्य के हो पुत्र तुम और छाया के लाल,
मूरत तेरी देखकर भाग जाए काल.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
3- हे शनिदेव जिस पर होती है आपकी वक्र दृष्टि,
उस व्यक्ति का पल भर में विनाश है निश्चित,
आपकी कुदृष्टि से राजा भी होता है पल में भिखारी,
नहीं डूबती उनकी नैय्या, जो होते हैं शरण तिहारी.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
4- सदा तुम पूरी मेरी हर इक आस करना,
हे शनिदेव तुम मुझे न निराश करना,
तेरी भक्ति से मिलता है आत्मा को आराम,
आपकी कृपा से रंक भी हो जाए राजा समान.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
5- जोड़े हाथ हम खड़े हैं बनके भिखारी,
दया करो हे शनिदेव आए हम शरण तिहारी,
तुमको सब कहते हैं नौ ग्रहों में दंडनायक,
क्योंकि तुम हो कर्मों के फलदाता.
शनि जयंती की शुभकामनाएं
शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर घर के पूजन स्थल पर शनिदेव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. शनिदेव के पूजन के लिए एक चौकी पर काले रंग का कपड़ा बिछाकर उनकी प्रतिमा स्थापित करें, फिर प्रतिमा को पंचगव्य व पंचामृत से स्नान कराएं, उन्हें नीले फूल, तिल, काली उड़द, श्रीफल और अन्य फल अर्पित करें. अब धूप-दीप जलाएं और शनिदेव के मंत्रों का जप व शनि चालीसा का पाठ करें, आखिर में उनकी आरती करें. इसके अलावा शनि मंदिर में जाकर उन्हें तेल अर्पित करें और पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक प्रज्जवलित करें. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.