शनि देव (ShaniDev) को न्याय का देवता कहा जाता है. ज्येष्ठ माह की अमावस्या (Jyestha Amavasya) तिथि पर शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है. शनि जयंती इस बार 22 मई, शुक्रवार को है. ज्योतिष शास्त्र में शनि महाराज की विशेष भूमिका होती है. शनि जयंती पर शनि मंदिरों में तेल के दीये जलाए जाते हैं, शनि भगवान को तेल भी अर्पित किया जाता है. नौ ग्रहों में शनि महाराज का विशिष्ठ स्थान है. माना जाता है कि सत्य की राह पर चलने वालों के ऊपर शनि देव अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं. न्याय के देवता शनि महाराज व्यक्ति को उसके काम के हिसाब से उसको दंड देते हैं. मान्यता है कि शनि महाराज की दृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ती है उसका कुछ न कुछ अनिष्ट जरूर होता है.
शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मो का फल देते हैं. अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल और बुरा कर्म करने पर बुरा फल मिलता है. जिन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या रहती है उनके लिए शनि जयंती पर भगवान शनि की पूजा करने से साढ़ेसाती का असर कम होता है. शनि दोषों से छुटकारा पाने और शनि कृपा के लिए इस दिन भगवान शनि की पूजा का विशेष महत्व है. यह भी पढ़ें- Shani Jayanti 2020 Wishes: शनि जंयती पर इन भक्तियमय हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Quotes, HD Wallpapers और Photo SMS के जरिए अपनों को दें शुभकामनाएं.
शनि जयंती पर करें ये उपाय-
- यदि आप पर शनि देव की टेढ़ी नजर है, यानी साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव चल रहा है, तो काली गाय को बूंदी के लड्डू खिलाएं.
- कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें.
- शनि जयंती पर सफेद आक के पौधे पर लोहे की सात कील चढ़ाएं. इस दिन काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगली में सूर्यास्त के समय पहनें.
- शनि की ढैया या साढ़ेसाती से परेशान हैं तो रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें. शनि जयंती की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों का दीपक जलाएं.
- शनि जयंती के दिन काले रंग की चिड़िया खरीदें और उसे अपने दोनों हाथों से आसमान में उड़ा दें.
- काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं.
इन मंत्रो का करें जाप-
- नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम,
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम.
- ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः
- ॐ शं शनैश्चराय नमः ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये.
- ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात.
शनि जयंती के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने से बहुत लाभ मिलता है. माना जाता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा-आराधना से शनि की साढ़ेसाती, महादशा और शनि की ढैय्या का असर कम होता है. इस दिन शनि के शुभ प्रभाव के लिए शनि के विभिन्न मंत्रो का जप करना भी फलदायक माना गया है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय हैं. आप गरीबों में दान कर भी शनि महाराज को प्रसन्न कर सकते हैं.
शनि जयंती के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर शनिदेव की मूर्ति के सामने बैठ जाएं. शनि महाराज का पूजन कर रूद्राक्ष की माला से शनि महाराज के मंत्रों का जाप करें. शनि महाराज से अपने पापों की क्षमायाचना करें और सुख-समृद्धि की कामना करें. शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए अच्छे कर्म करें, अच्छे कर्म करने वालों को शनि भगवान अच्छा फल देते हैं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.