Shahu Maharaj Jayanti 2022 Images: हैप्पी शाहू महाराज जयंती! भेजें ये Photo SMS, GIF Greetings, WhatsApp Wishes और Wallpapers
छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

Chhatrapati Shahu Maharaj Jayanti 2022 Images: हर साल 26 जून को मराठा भोसले वंश के राजा और कोल्हापुर की भारतीय रियासतों के महाराजा छत्रपति शाहू महाराज की जयंती (Chhatrapati Shahu Maharaj Jayanti) मनाई जाती है. उनका जन्म 26 जून 1974 को हुआ था और बचपन में उन्हें यशवंत राव का नाम के पुकरा जाता था. एक राजा होने के बावजूद छत्रपति शाहू महाराज (Chhatrapati Shahu Maharaj) ने दलितों और समाज के शोषित वर्गों के उत्थान के लिए सराहनीय कार्य किए. दलितों के उत्थान और उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्होंने दो प्रथाओं बलूतदारी और वतनदारी प्रथा का अंत किया. साल 1917 में उन्होंने बलूतदारी प्रथा का अंत किया, जिसके तहत दलित या किसी अछूत को थोड़ी जमीन देकर उससे और उसके परिवार से पूरा गांव मुफ्त सेवाएं लेता था, फिर उन्होंने साल 1918 में वतनदारी प्रथा का अंत करते हुए महारों को भू-स्वामी होने का अधिकार दिलाया.

छत्रपति शाहू महाराज एक ऐसी महान शख्सियत थे, जिन्होंने राजा होने के बावजूद समाज के दलितों और शोषित वर्गों के दर्द को न सिर्फ समझा, बल्कि उनकी समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास भी किया. उनकी जयंती के इस विशेष अवसर पर आप इन इमेजेस, फोटो एसएमएस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी शाहू महाराज जयंती विश कर सकते हैं.

1- आपको और आपके परिवार को शाहू महाराज जयंती की बधाई

छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

2- छत्रपति शाहू महाराज जयंती की हार्दिक बधाई

छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

3- छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022

छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी शाहू महाराज जयंती

छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

5- छत्रपति शाहू महाराज जयंती की शुभकामनाएं

छत्रपति शाहू महाराज जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि शाहू महाराज जी का किसी भी वर्ग विशेष से कोई द्वेष नहीं था और वे समाज में हर वर्ग को समान नजरिए से देखते थे. अपने शासन काल के दौरान छत्रपति शाहू महाराज ने बाल विवाह जैसी प्रथा पर प्रतिबंध लगाया था और पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता प्रदान की थी. उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों की शिक्षा को महत्व दिया और वो शिक्षित हो सकें, इसलिए दलित छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की प्रकिया शुरु की थी. इसके अलावा उन्होंने बाहरी गरीब छात्रों के लिए छात्रावास स्थापित किए, ताकि पढ़ाई के दौरान उन्हें छात्रावास में रहने के लिए शरण मिल सके.