Sawan Somvar 2023: सावन सोमवार को रुद्राक्ष धारण करने के क्या हैं लाभ? जानें इसका महत्व, लाभ एवं पहनने के नियम!

हिंदू धर्म शास्त्रों में सावन मास का विशेष महत्व वर्णित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान का विधान है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार सावन के सोमवार के दिन व्रत एवं भगवान शिव का अनुष्ठान के साथ रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, रुद्राक्ष धारण करने वाले के जीवन की सारी समस्याएं समाप्त होती हैं

सावन सोमवार 2023 (Photo Credits: File Image)

हिंदू धर्म शास्त्रों में सावन मास का विशेष महत्व वर्णित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान का विधान है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार सावन के सोमवार के दिन व्रत एवं भगवान शिव का अनुष्ठान के साथ रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, रुद्राक्ष धारण करने वाले के जीवन की सारी समस्याएं समाप्त होती हैं, घर-परिवार में सुख एवं शांति का वास होता है, नकारात्मक शक्तियां एवं आर्थिक समस्याएं दूर होती है. चूंकि रुद्राक्ष भगवान शिव की प्रतिकृति मानी जाती है. इसलिए रुद्राक्ष धारण करने वाले को इसके नियमों का भी पालन करना चाहिए, अन्यथा लाभ के बजाय भारी नुकसान भी हो सकते हैं. आइये बात करते हैं, रुद्राक्ष से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से... यह भी पढ़ें: Sawan Somwar 2023: सावन के पांचवें सोमवार पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हुई भस्म आरती, देखें वीडियो

सावन में रुद्राक्ष धारण करने का महत्व!

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. रुद्राक्ष धारण करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी लाभकारी माना जाता है. वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि किया है कि रुद्राक्ष पहनने से ब्लड प्रेशर एवं हृदय रोग की गंभीर बीमारियों का जोखिम कम होता है. वहीं ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो जिनकी कुंडली में कुछ बुरे ग्रह होते हैं, उन्हें रुद्राक्ष धारण करना चाहिए, इससे बुरे ग्रहों के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. हालांकि इसे धारण करने के लिए शास्त्रों में उल्लेखित कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है.

रुद्राक्ष धारण करने के लिए नियम

* रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा एवं धूम्रपान आदि के सेवन से बचना चाहिए. अन्यथा भगवान शिव रुष्ठ होते हैं.

* रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक माना गया है, इसलिए इसे स्नान के पश्चात ही धारण करना चाहिए, इसे अशुद्ध हाथ से स्पर्श नहीं करना चाहिए.

* किसी और का पहना हुआ रुद्राक्ष न पहनना चाहिए और ना ही अपना रुद्राक्ष किसी और को पहनने के लिए देना चाहिए.

* रुद्राक्ष पहनने समय ध्यान दें कि यह लाल अथवा पीले धागे में गुंथा हुआ हो, काले रंग के धागे में गूंथा रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए.

रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

* रुद्राक्ष की माला धारण करने वाले पर बुरी ग्रह-नक्षत्र एवं नकारात्मक शक्तियां  अपना प्रभाव नहीं डालती, यह एक तरह का सुरक्षा गार्ड जैसा है.

* आप जब भी बाहर कहीं जाते हैं, तो रुद्राक्ष की माला अवश्य पहनें, इससे आपके चारों ओर एक सुरक्षा कवच जैसा रहता है, जो आपको हर मुसीबत से बचाता है.

* एक मुखी रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली होता है और पहनने वाला स्वयं खुद में परिवर्तन महसूस कर सकता है. इसे धारण करने से पूर्व किसी योग ज्योतिष शास्त्री से सलाह-मशविरा अवश्य कर लें.

* पंचमुखी रुद्राक्ष भी बहुत सुरक्षित बताया जाता है, इसे लड़का, लड़की, युवा, वृद्ध आदि कोई भी पहन सकता है. जिन लोगों को ह्रदय की समस्या है, उसे रुद्राक्ष का माला इस तरह पहनना चाहिए, जो सीने को स्पर्श करे, यह रक्तचाप और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है.

* रुद्राक्ष धारण करने वाला शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त, सतर्क एवं सक्रिय रहता है.

* पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए रुद्राक्ष की माला पहनने से पढ़ाई के प्रति उनका ध्यान और एकचित्त रहता है.

* अगर आप रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो स्नान के पश्चात और पूजा शुरू करने से पूर्व रुद्राक्ष का माला अवश्य पहन लें

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