Sawan Shivratri 2020: सावन का पवित्र माह चल रहा है इसके साथ ही देशभर के शिव मंदिरों में भगवान शिव की विशेष आराधना और पूजा की जा रही है. 20 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है और इस दिन सभी भगवान शिव की पूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे. लेकिन तीसरे सावन के सोमवार से एक दिन पहले यानि की 19 जुलाई को मासिक शिवरात्रि है. सवान के इस पवित्र महीने में इस शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है.
कहा जाता है कि सावन मास में भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह कि बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की सुधि लेते हैं साथ ही उनके दुखो और कष्टों को भी दूर करते हैं. सच्चे भक्त पर अपनी विशेष अनुकम्पा और आशीर्वाद बनाएं रखते हैं. इसलिए सावन में पड़ने वाले सोमवार पर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
जानें इस मासिक शिवरात्रि का महत्व
सावन में मासिक शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस शिवरात्रि पर पुरे विधि-विधान से भगवान शिव की आराधना और पूजा करने से जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव की पूजा की जाती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है क्योंकि, इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है. इसीलिए कहा जाता है 'शिव ही सत्य' है. व्यक्ति को अपनें अवगुणों को जैसे कि क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लोभ को छोड़ना होता है, जिसके बाद उन्हें भोलेनाथ का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है.
मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त
- 19 जुलाई- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 07:19 PM से 09:53 PM
- 20 जुलाई- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:53 PM से 12:28 AM
- 20 जुलाई- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 12:28 AM से 03:02 AM
- 20 जुलाई- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:02 AM से 05:36 AM
जाने मासिक शिवरात्रि पूजा की विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर में दीप जलाएं. इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें. अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें. यदि गंगा जल नहीं है तो आप साफ पानी से भोलेनाथ का अभिषेक कर सकते हैं.
इन सबके बाद भगवान शिव का ध्यान करें. इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है. अभिषेक के बाद भगवान शिव की प्रिय चीजों का भोग लगाएं और भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें. अब शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें. इस सब के बाद भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें.













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