Sankashti Chaturthi Vrat in Year 2019: हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रथम पूजनीय देव माना जाता है. यही वजह है कि किसी भी शुभ कार्य को शुरु करने से पहले लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं. माता पार्वती और भगवान शिव (Lord Shiva) के पुत्र गणेश को दुखहर्ता और सुखकर्ता माना जाता है. गणेश जी अपने भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके भक्त हर महीने पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का व्रत (Sankashti Chaturthi) करते हैं, इस दौरान सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखने का विधान है. कहा जाता है कि भगवान गणेश संकष्टी का व्रत करने वाले भक्तों सारे संकट हर लेते हैं.
संकष्टी चतुर्थी के व्रत में केवल फलों, जड़ों और वनस्पति उत्पादों का ही सेवन किया जाता है. संकष्टी के व्रत के दौरान साबूदाना खिचड़ी, आलू और मूंगफली जैसे आहार ही भक्त ग्रहण करते हैं. इस दिन रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. चलिए जानते हैं साल भर में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की तिथियों और चंद्रोदय के समय की पूरी लिस्ट. यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat In Year 2019: भगवान शिव को समर्पित है प्रदोष व्रत, जानें साल 2019 में पड़नेवाली त्रयोदशी तिथियों की पूरी लिस्ट
गणेश संकष्टी चतुर्थी की लिस्ट-
24 जनवरी 2019, गुरुवार (लंबोदर संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 35 बजे.
22 फरवरी 2019, शुक्रवार (द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 20 बजे.
24 मार्च 2019, रविवार (भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 22: 03 बजे.
22 अप्रैल 2019, सोमवार (विकट संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 44 बजे
22 मई 2019, बुधवार (एकदंत संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 22: 16 बजे.
20 जून 2019, गुरुवार (कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 44 बजे.
20 जुलाई 2019, शनिवार (गजानन संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 41 बजे.
19 अगस्त 2019, सोमवार (हेरंभ संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 21: 24 बजे.
17 सितंबर 2019, मंगलवार (अंगारकी, विघ्नराजा संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 20: 32 बजे
17 अक्टूबर 2019, गुरुवार (वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 20: 27बजे
15 नवंबर 2019, शुक्रवार (गणधिपा संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 20: 54 बजे
15 दिसंबर 2019, रविवार (अखुरथा संकष्टी चतुर्थी) चंद्रोदय- रात 20:46 बजे
गणेश चतुर्थी व्रत व पूजा विधि
- इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सोने, तांबे या मिट्टी के गणश जी की प्रतिमा लें.
- एक कोरे कलश में जल भरकर उसके मुंह पर कोरा वस्त्र बांधकर, उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें.
- गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और सिंदूर लगाएं, फिर उन्हें 21 लड्डुओं का भोग लगाएं और धूप दीप से पूजा करें.
- शाम के वक्त गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इस दौरान गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा और आरती करनी चाहिए.
- चंद्रोदय होने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.
- इस दिन गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा और व्रत किया जाता है. यह भी पढ़ें: Ekadashi Vrat In Year 2019: एकादशी के दिन व्रत करने पर बेहद प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु, देखें साल 2019 में पड़नेवाली तिथियों की पूरी लिस्ट
गौरतलब है कि साल के 12 महीनों में पड़ने वाले गणेश संकष्टी का व्रत करने वालों के जीवन से सारे विघ्न, सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान गणेश की कृपा भक्तों को प्राप्त होती है. अगर आपके जीवन में किसी प्रकार का संकट है तो आपको यह व्रत जरूर करना चाहिए.