Roop Chaudas 2023 Wishes in Hindi: पांच दिनों के दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का शानदार आगाज धनतेरस (Dhanteras) से हो चुका है, लेकिन इस उत्सव का मुख्य दिन दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन माना जाता है. दिवाली के मुख्य पर्व दीपावली (Deepavali) से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन रूप चौदस (Roop Chaudas) का त्योहार मनाया जाता है, जिसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है. इसके अलावा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), काली चौदस (Kali Chaudas) और छोटी दिवाली (Choti Diwali) के नाम से भी जाना जाता है. रूप चौदस का संबंध स्वच्छता से है, इसलिए इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने शरीर की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देते हैं. ऐसी मान्यता है कि रूप चौदस के दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने से व्यक्ति का सौंदर्य सालों तक बरकरार रहता है.
रूप चौदस पर अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए लोग सूर्योदय से पहले उठकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद और दूध से बना उबटन अपने शरीर पर लगाते हैं, फिर स्नान करते हैं, ताकि उनकी सुंदरता में गजब का निखार आ सके. रूप चौदस के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- रूपहले तुम्हारे चेहरे पर,
चौदहवीं का चांद मुस्काए,
हो विष्णु की कृपा ऐसी,
स्वर्ग सा आनंद दे जाए.
रूप चौदस की शुभकामनाएं
2- चांद भी हो जाए फीका,
ऐसी खिल-खिलाएं आपकी सुंदरता,
स्वर्ग गामी हो जाए जीवन,
ऐसी दे मन को निर्मलता.
रूप चौदस की शुभकामनाएं
3- सजे रूप सौंदर्य अपार,
स्वर्ग गामी हो यह संसार,
पल-पल हो आपका मजेदार,
सदा मुस्कुराते रहो सपरिवार.
रूप चौदस की शुभकामनाएं
4- रूप चौदस रूप खिलाए,
नरक चतुर्दशी स्वर्ग राह दिखाए,
प्रेम गीत अब जीवन गाए,
यह पर्व जीवन में खुशियां लाए.
रूप चौदस की शुभकामनाएं
5- जीवन में मिले हर पाप से मुक्ति,
मिले प्रभु की ऐसी अनुपम भक्ति,
जीवन का हर पल चंदन हो जाए,
स्वर्ग की तुम्हारे बदन में सुगंध हो जाए.
रूप चौदस की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि इस साल रूप चौदस का पर्व उदया तिथि के अनुसार, 12 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले रूप चौदस पर सुंदरता का वरदान पाने के लिए ‘ॐ ह्रीं सौन्दर्यं देहि कामेश्वराय ॐ नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन अपामार्ग को अपने सिर से घूमाकर नदी में प्रवाहित करने से नर्क यातना या अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. इस दिन उबटन लगाने के अलावा शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है.