हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि व्रत एवं शिव जी का पूजा-प्रतिष्ठान किया जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार इसी दिन पंचक भी लग रहे हैं. आइये जानें इस महापर्व पर हमें किन-किन कार्य को करने से बचना चाहिए. इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च को पड़ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन चतुर्दशी 11 मार्च को दोपहर 02.41 से 12 मार्च को दोपहर 03.03 मिनट तक रहेगी. ज्योतिषियों के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन सुबह 09.24 बजे तक शिव योग रहेगा, इसके बाद सिद्ध योग लग जायेगा, जो 12 मार्च को सुबह 08.29 बजे तक रहेगा. शिव योग में शिवजी के मंत्र पढ़कर की गई पूजा बहुत फलदाई होती है. इस दिन सुबह से पंचक लग रहा है. पंचक काल में लकड़ियां इकठ्ठी करना, चारपाई खरीदना या बनवाना, घर की छत बनवाना तथा दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है.
ऐसा करने से बचें, कब और किस समय लगेगा पंचक
हिंदू पंचांग के अनुसार 11 मार्च की प्रातः 09.21 बजे से शुरू होकर 15 मार्च को पूरे दिन रहकर अगले दिन प्रातः 04.44 बजे तक पंचक रहेगा. यह भी पढ़े: Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि के व्रत में रखें इन बातों का खास ख्याल, जानें भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं
* रविवार से शुरू होनेवाला पंचक 'रोग पंचक' कहलाता है. इसके प्रभाव से अगले पांच दिन तक शारीरिक कष्ट परेशान कर सकते हैं. इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.
* सोमवार से शुरू होनेवाला पंचक 'राज पंचक' कहलाता है. ये पंचक शुभ माना गया है. इसके प्रभावस्वरूप पांचों दिन सरकारी कामों में सफलता मिल सकती है. राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ माना जाता है.
* मंगलवार से शुरू होनेवाला पंचक 'अग्नि पंचक' कहलाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट-कचहरी इत्यादि के फैसलों को अपने पक्ष में किये जाने की कोशिश की जा सकती है. इस 'अग्नि पंचक' में अग्नि का भय होता है. इस दरम्यान किसी भी तरह का निर्माण कार्य और मशीनरी से संबंधित कार्य करना अशुभ माना गया है. इनसे हानि की गुजाइश ज्यादा हो सकती है.
* बुधवार और गुरुवार से शुरू होनेवाले पंचक शुभ माने जाते हैं. इस दौरान शुभ मुहूर्त देखकर शुरु किये गये शुभ कार्यों में शुभता मिलने की गुंजाइश ज्यादा होती है. इन दिनों शुभ मुहूर्त में सगाई, विवाह जैसे शुभ कार्य किये जा सकते हैं.
* शुक्रवार से शुरू पंचक 'चोर पंचक' कहलाते हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक इस पंचक में यात्रा नहीं करनी चाहिए, इस पंचक में पैसों का लेन-देन, व्यापार और अन्य व्यवासायिक कार्यों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान शुरु किये गये व्यवसायिक कार्य अशुभ परिणाम दे सकते हैं. ऐसे कार्यों में नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है.
* शनिवार को प्रारंभ होने वाले पंचक 'मृत्यु पंचक' के नाम से जाना जाता है. इन्हें अशुभ माना जाता है. इन पांच दिनों में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट लगने आदि का खतरा रहता है.