National Girl Child Day 2020 Messages In Hindi: लड़कियों और लड़कों के बीच गिरते लिंग अनुपात के बारे में जागरूकता लाने और लड़कियों को लड़कों के बराबर समानता का अधिकार दिलाने के मकसद से हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. भारत में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 से हर साल 24 जनवरी के दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का ऐलान किया था. इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) को नारी शक्ति के तौर पर याद किया जाता है. हमारे देश में आज भी अधिकांश महिलाएं घरेलू हिंसा, बाल-विवाह, दहेज प्रताड़ना जैसी कई यातनाओं की शिकार बन रही हैं. ऐसे में राष्ट्रीय बालिका दिवस के माध्यम से देश की तमाम बालिकाओं और महिलाओं को उनके अधिकारों व उनके लिए बने कानूनों के बारे में अवगत कराया जाता है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस के इस बेहद खास मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं शानदान वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, जीआईएफ इमेजेस, एसएमएस, कोट्स जिन्हे सोशल मीडिया के जरिए भेजकर आप सेव गर्ल चाइल्ड (Save Girl Child) का संदेश लोगों तक पहुंचा सकते हैं.
1- बेटी पर अभिमान करो,
जन्म होने पर सम्मान करो.
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे
2- बेटी है कुदरत का उपहार,
मत करो इसका तिरस्कार.
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे
3- न अपनी दुनिया स्वयं मिटाओ,
होश में आओ, बेटी बचाओ !
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे
4- लक्ष्मी का वरदान है बेटी,
धरती पर भगवान है बेटी !
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे
5- बेटी को मरवाओगे तो,
दुल्हन कहां से लाओगे.
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे यह भी पढ़ें: National Girl Child Day 2020 Wishes: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर भेजें ये हिंदी WhatsApp Status, Facebook Greetings, Messages, GIF Images, Wallpapers और दें शुभकामनाएं
6- बहुत सरल है पेट में करना मुझ पर वार,
हिम्मत है तो ऐ मां, मुझको पैदा करके मार...
हैप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे
लड़की ईश्वर का बनाया हुआ सबसे अनमोल और खूबसूरत तोहफा होती है. लड़कियों को प्रकृति का जननी स्वरूप माना जाता है जो वंश को बढ़ाती है. लड़कियां मां, बहन, पत्नी, बेटी और अन्य सभी रिश्तों को बखूबी निभाती हैं, लेकिन समाज में फैली भेदभाव, अपराध, अशिक्षा और असमानता जैसी कुरीतियों के चलते उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है और काबिलियत होते हुए भी उन्हें बराबरी के दर्जे से महरूम रखा जाता है. हालांकि पहले के मुकाबले अब महिलाएं जागरूक हो गई हैं और अब अपने हक के लिए आवाज उठाने लगी हैं.