National Education Day 2020: भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जाता है, जिसे स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के पहले शिक्षा मंत्री (First Education Minister) मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती पर मनाया जाता है. मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था. उनका मानना था कि स्कूल प्रयोगशालाएं हैं, जहां भावी नागरिकों का उत्पादन किया जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों की याद में उनकी जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा साल 2008 में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती (Maulana Abul Kalam Azad Birth Anniversary) को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी. इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा और व्यक्ति को साक्षर बनाने को लेकर जन जागरूकता फैलाई जाती है. चलिए जानते हैं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास और महत्व.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2020
11 सितंबर साल 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था. हर साल की तरह इस साल भी 11 नवंबर 2020 (बुधवार) को यह दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Children's Day 2020: बाल दिवस पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, Wallpapers के जरिए बच्चों से कहें हैप्पी चिल्ड्रेन्स डे
इस दिवस इतिहास और महत्व
मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. उन्होंने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक बतौर शिक्षा मंत्री अपना कार्यभार संभाला था. उन्होंने आजादी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) यानी यूजीसी (UGC) की स्थापना की. मौलाना आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे. मौलाना अबुल कलाम आजाद एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे. वे एक प्रसिद्ध कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना की और देश में मुफ्त शिक्षा के लिए काम किया.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने साल 2008 में फैसला किया कि 11 नवंबर के दिन मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. भारत के शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इस दिन देश के विभिन्न शिक्षा संस्थानों द्वारा सेमिनार, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.