National Ayurveda Day 2021: हर साल पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन यानी धनतेरस (Dhanteras) के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day) मनाया जाता है. इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की जयंती (Dhanvantari Jayanti) मनाई जाती है और उनकी जयंती पर ही नेशनल आयुर्वेद डे मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने की शुरुआत आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा साल 2016 में की गई थी, तब से इस दिवस को धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi) के दिन मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है. बता दें कि आयुर्वेद (Ayurveda) का इतिहास काफी प्राचीन है, क्योंकि जब इंसान को दवाओं की समझ नहीं थी, तब रोगों का उपचार आयुर्वेद के जरिए ही किया जाता था. आयुर्वेद की खासियत यह है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, इसलिए इसका काफी महत्व है.
धनतेरस पर क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस यानी धनत्रयोदशी के दिन मनाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को समुद्र मंथन से हुई थी. भगवान विष्णु के अवतार कहे जाने वाले धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए दिवाली के मुख्य पर्व के दो दिन पहले धन्वंतरि जयंती को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना जाता है, इसलिए उनके जन्मदिन यानी धनतेरस पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Happy Dhanvantari Jayanti 2021 Wishes: हैप्पी धन्वंतरि जयंती! शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, HD Images और Wallpapers
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का महत्व
कहा जाता है कि धनतेरस पर आयुर्वेद और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से अच्छी सेहत और निरोगी जीवन का वरदान मिलता है. आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की जयंती पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाकर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति और इसके महत्व से लोगों को रूबरू कराया जाता है. दरअसल, स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को हमेशा बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक होती है और यह बिना किसी साइड इफेक्ट के समस्या को जड़ से खत्म करने में सक्षम होती है.